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प्लास्टिक के कारण प्रदूषण
– फोटो : एएनआई

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दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से पॉलीथिन बैग बिक रहा है। रोजाना कई टन सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे का रूप ले रहा है। साप्ताहिक बाजारों में सब्जियां, फल पॉलीथिन में पैक कर के दिए जा रहे हैंं।

चाय, मोमोज और समोसे वाली चटनी भी प्रतिबंधित प्लास्टिक में ही पैक होकर मिल रही है। प्लास्टिक कचरा नाले-नालियों को जाम करता है। मानूसन सीजन में नाले-नालियों से कभी सफाईकर्मियों को मलबा निकालते देखें तो समझ में आएगा कि इसमें ज्यादातर प्रतिबंधित प्लास्टिक ही होता है। 

प्लास्टिक कचरा बिना सड़े, गले, अपने साथ अन्य कचरे को भी लपेटकर नालियों को ब्लॉक करता है। दिल्ली के रहवासी और सिविक एजेंसियां दोनों इस समस्या से सालों से जूझ रही हैं। बावजूद इसके न तो प्रशासन सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण और बिक्री को पूरी तरह से बंद कराने में कामयाब हो पाया है और न ही नागरिक ही ऐसा करने में अपना सहयोग दे रहे हैं। 

प्रतिबंध के बावजूद इस्तेमाल हो रहा : दिल्ली सहित देशभर में एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 वस्तुओं और 75 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले पॉलिथिन बैग के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के बेहतर और सस्ते विकल्प मार्केट में नहीं आने की वजह से लोगों ने इनका उपयोग बंद नहीं किया है। 

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