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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : istock

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टेलीग्राम एप पर निवेश के बहाने भोले-भाले लोगों को लूटा जा रहा है। साइबर ठग व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्क फ्रॉम होम के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। शुरुआत में पीड़ितों को वीडियो लाइक एंड शेयर करने का टास्क देखकर छोटे-छोटे मुनाफे दिए जाते हैं।

बाद में पीड़ितों की अलग आईडी बनाकर उनको टेलीग्राम एप पर एक ग्रुप में जोड़ दिया जाता है। वहां टास्क के नाम पर उनको एक हजार से 50 हजार रुपये हर दिन कमाने का झांसा देकर ठगी की जाती है। शुरुआत में मुनाफा देने के बाद पीड़ित इनके जाल में फंसकर मोटी रकम निवेश कर देते हैं।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार दिल्ली पुलिस के पास इस तरह की रोजाना 600 से अधिक शिकायतें आती हैं। इनमें से 10 फीसदी लोगों के साथ मोटी रकम की ठगी की जाती है। अधिकतर मामलों में जालसाजी के सरगना चीन, हांगकांग, दुबई, कंबोडिया, मलेशिया जैसे देशों में बैठकर ठगी कर रहे हैं।

भारत में बैठे इनके गुर्गें न सिर्फ बैंक अकाउंट का इंतजाम करते हैं बल्कि इनके लिए सिमकार्ड का इंतजाम करवाते हैं। करीब 200 से 250 बैंक खातों में ठगी की रकम को घुमाकर यूएस डॉलर, क्रिप्टो या बिटकाइन में बदलकर विदेश भेज दिया जाता है। पिछले दिनों पकड़े गए साइबर ठगों के अकाउंट की पड़ताल करने पर एक खाते में 24 घंटे में तीन से पांच करोड़ की रकम के लेनदेन का पता चला है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि 90 से 95% मामलों में पुलिस साइबर ठगों तक नहीं पहुंच पाती है। भारत में जो लोग इन साइबर ठगों के लिए बैक अकाउंट और सिमकार्ड का इंतजाम करते हैं। पुलिस उन तक ही पहुंच पाती है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सचेत रहकर ही इस तरह की ठगी से बचा जा सकता है।

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