———–
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माण करते हैं यदि आप इन परीक्षाओं का सामना नहीं कर सकते हैं तो फिर आपको इस्तीफा दे देना चाहिए. कोर्ट ने कहा है कि सरकार के नियमों के अनुसार उन्हें सक्षमता परीक्षा देनी ही होगी. याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि देश की शिक्षा का क्या यही स्तर है?
कोर्ट ने शिक्षकों को लताड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक पोस्ट ग्रेजुएट जिसे नौकरी मिल जाती है, लेकिन वह छुट्टी के लिए एक एप्लीकेशन तक नहीं लिख सकता है. बिहार जैसा राज्य जब इस व्यवस्था को सुधारने का प्रयास करता है और इसके लिए कोई योग्यता परीक्षा कराता है तो उसका विरोध किया जाता है. कोर्ट ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माण करते हैं यदि आप इन परीक्षाओं का सामना नहीं कर सकते हैं तो फिर आपको इस्तीफा दे देना चाहिए.
बिहार सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?
मालूम हो कि इस याचिका में शिक्षक संघों की और से बिहार शिक्षक नियमावली 2023 का विरोध जताया था. नियमों के मुताबिक अगर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करना है तो उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करनी ही पड़ेगी. अगर कोई शिक्षक बच्चों के हित में सेवा देना चाहते हैं तो उन्हें सक्षमता परीक्षा देनी होगी. बिहार सरकार ने अदालत में कहा कि शिक्षकों के क्षमता विकास के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा अनिवार्य नहीं है. परीक्षा नहीं देने वाले नियोजित शिक्षकों को नौकरी से नहीं निकाला जायेगा. लेकिन इस परीक्षा को पास करने वाले शिक्षक राज्य शिक्षक के समान हो जायेंगे और उन्हें पूरी सुविधा मिलेगी.
Tags: Bihar Teacher, Supreme Court
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||