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प्रयागराज. हाल के दिनों में मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए हुई नीट प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी और यूजीसी नेट की परीक्षा में पेपर लीक की घटनाओं को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इन घटनाओं को लेकर जहां छात्र-छात्राएं आक्रोशित हैं, वहीं इसको लेकर विपक्ष भी सियासत कर रहा है. यूपी में भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता लाने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है. योगी सरकार नकल और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अध्यादेश लेकर आई है, जिसमें नकल माफियाओं और पेपर लीक करने वाले साल्वर गैंग पर नकेल कसने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं.

योगी सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश का संगम नगरी प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों ने स्वागत किया है. प्रतियोगी छात्रों के मुताबिक योगी सरकार का यह एक अच्छा फैसला है. हालांकि छात्रों का यह भी मानना है कि पहले से कई कानून मौजूद हैं, इसलिए जरूरत इस बात की है कि इस अध्यादेश का सख्ती से पालन किया जाए.

‘समय-समय पर भर्तियां निकाली जाएं’
इसके साथ ही जो लोग भी परीक्षाओं में नकल या पेपर लीक में शामिल हो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए. प्रतियोगी छात्रों की सरकार से यह मांग भी है कि समय-समय पर भर्तियां निकाली जाएं. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि 22 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में वैकेंसी बहुत कम निकलती है, जिससे युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि जब भर्तियां आती हैं तो युवा भी नकल करने वाले या फिर पेपर लीक करने वाले साल्वर गैंग के चक्कर में पड़कर नौकरी हासिल करना चाहता है, जिससे उसका भविष्य भी बर्बाद होता है.

अध्यादेश का सख्ती से पालन होना जरूरी
प्रतियोगी छात्रों ने योगी सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि इस अध्यादेश का सख्ती से पालन होना जरूरी है, तभी पेपर लीक या नकल जैसी घटनाओं पर रोक लगा सकेगी. प्रतियोगी छात्रों का यह भी कहना है कि भर्ती परीक्षाओं की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सिस्टम को और मजबूत करने की भी जरूरत है. खास तौर पर पेपर प्रिंटिंग की जिम्मेदारी किसी प्राइवेट एजेंसी के बजाय सरकार की एजेंसी को दिए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही भर्ती संस्थाओं या अयोगों को भी जवाबदेह बनाए जाने की जरूरत है.

अध्यादेश में किए गए हैं कड़े प्रावधान
गौरतलब है कि योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसमें पेपर लीक कराने पर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान रखा गया है. इसके साथ ही एक करोड़ का जुर्माना लगाने और संपत्ति कुर्क किए जाने की भी बात कही गई है. अध्यादेश के मुताबिक किसी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने पर साल्वर गैंग से ही परीक्षा के खर्च की भरपाई की जाएगी. इसके साथ ही परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्रावधान किया गया है.

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