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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : एएनआई

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सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 17 साल के रोहित ने जिंदगी खोकर भी चार लोगों को नया जीवन दिया है। 12 जून को बल्लभगढ़ में हुई सड़क दुर्घटना में रोहित गंभीर रूप से घायल हो गया था। दुर्घटना के बाद उसे एम्स के ट्रामा सेंटर में लाया गया। 20 जून तक रोहित जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। 

उसकी मृत्यु के बाद एम्स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ओआरबीओ) विभाग ने करावल नगर निवासी रोहित के परिवार से संपर्क किया। साथ ही उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया। एम्स के मुताबिक नोटो के नियम के तहत रोहित का अंगदान हुआ। रोहित के दिल को आर्मी अस्पताल में भर्ती मरीज को आवंटित किया गया। लिवर को आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती मरीज को आवंटित किया गया। 

वहीं, एक किडनी एम्स में जबकि दूसरी किडनी आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती मरीज को आवंटित की गई। एम्स के मुताबिक देश में अंगदान के अभाव में काफी मरीजों को जरूरत के आधार पर अंग नहीं मिल पाते है। रोहित जैसे परिवार इनमें आशा की किरण जगा सकते हैं। अंगदान करने से मरीज को जरूरत के आधार पर अंग मिल पाता है।

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