———–
रॉयल बंगाल बाघ के शावक अपनी मां सिद्धि के साथ अठखेलियां करते हुए
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के कर्मचारी वन्यजीवों के शावकों के लिंग की पहचान नहीं कर पाए। चिड़ियाघर प्रबंधन की लापरवाही के चलते कर्मचारी बीते साल जन्मे रॉयल बंगाल बाघिन के दो शावकों के लिंग पहचान नहीं पाए। इसकी तस्दीक तब हुई,जब जांच ठीक तरह से की गई। 13 महीने बीत जाने के बाद, अब दोनों की पहचान मादा शावकों के तौर पर की गई है।
शावकों के नामकरण के बाद तक दोनों मादा और नर के रूप में पहचाने गए थे। ऐसे में वन्यजीव प्रेमी चिड़ियाघर प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इतना समय बीतने के बाद अब पता लगा है। उनका कहना है कि चिड़ियाघर प्रबंधन को इसे लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उधर, वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बिग कैट के शावकों के लिंग की पहचान छह से आठ महीने में हो जाती है। इस मामले में लापरवाही सामने आई है। चिड़ियाघर में 18 साल बाद रॉयल बंगाल टाइगर का कुनबा बढ़ा है। यह शावक मादा बाघिन सिद्धि व नर बाघ करण के हैं। इनका जन्म 15 मई, 2023 को हुआ था। दोनों शावक को नामकरण के बाद धात्री और धैर्य को 21 दिसंबर, 2023 को बाड़े में छोड़ा था।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||