———–

नई दिल्‍ली/ज्यूरिख, स्विस बैंकों का जब भी जिक्र आता है, तो लगता है क‍ि लोग अपना ‘कालाधन’ ले जाकर वहां जमा कर देते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. स्‍व‍िस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन नहीं है. अब तक स्‍व‍िटजरलैंड की सरकार हर साल वहां जमा भारतीयों के पैसे को लेकर केंद्र सरकार को अपडेट देती रहती है. लेकिन इस बार जो अपडेट आया है, वह आपको चौंका सकता है.

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने ये आंकड़े जारी किए हैं. इससे पता चलता है क‍ि स्विस बैंकों में स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन 70 प्रतिशत घटकर चार साल के निचले स्तर 9,771 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यानी सिर्फ 4 साल में स्विस बैंकों में जमा धन में काफी तेज ग‍िरावट आई है. इसका सीधा मतलब है क‍ि भारतीय अब वहां पैसे जमा नहीं कर रहे हैं. ज‍िन लोगों ने जमा कर रखा है, वे भी निकाल रहे हैं और अन्‍य जगहों पर इन्‍वेस्‍ट कर रहे हैं. बैंक के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों के कुल धन में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई है. साल 2006 में वहां सबसे ज्‍यादा पैसा जमा था, जो 6.5 अरब स्विस फ्रैंक तक पहुंच गया था.

स्‍व‍िस बैंकों से भारतीयों का मोहभंग?
रिपोर्ट के मुताबिक, स्‍व‍िस बैंकों से भारतीयों का मोहभंग हो गया है. अब वे अपना पैसा बॉन्‍ड, सिक्‍योरिटीज और अन्‍य जगह इन्‍वेस्‍ट कर रहे हैं. हालांक‍ि, इन आंकड़ों में वह धन शामिल नहीं है, जो भारतीयों या एनआरआई ने क‍िसी तीसरे देश या संस्‍थाओं के माध्‍यम से स्‍व‍िस बैंकों में इन्‍वेस्‍ट कर रखा है. स्विस नेशनल बैंक की रिपोर्ट बताती है क‍ि अब स्‍व‍िस बैंकों में भारतीयों के पैसे 103.98 करोड़ स्विस फ्रैंक रह गए हैं. इनमें बैंक खातों में जमा नकद पैसा 31 करोड़ स्विस फ्रैंक है. 2022 के अंत में यह 39.4 करोड़ स्विस फ्रैंक था.

लगातार आ रही ग‍िरावट
भारतीयों ने अन्‍य बैंकों के माध्‍यम से 42.7 करोड़ स्विस फ्रैंक स्‍व‍िस बैंकों में जमा कर रखे हैं. एक साल पहले यह 111 करोड़ स्विस फ्रैंक था. ट्रस्‍ट के माध्‍यम से जो पैसा यहां के बैंकों में जमा किया गया है, वह सिर्फ एक करोड़ स्विस फ्रैंक रह गया है. साल भर पहले यह 2.4 करोड़ स्विस फ्रैंक था. बॉन्‍ड, सिक्‍योरिटीज और अन्‍य माध्‍यमों से भारतीयों ने 30.2 करोड़ स्विस फ्रैंक इन्‍वेस्‍ट कर रखा है. बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017, 2020 और 2021 को छोड़ दें, तो स्‍व‍िस बैंकों में जमा भारतीयों के पैसों में लगातार कमी आ रही है.

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||