———–

-अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल श्रम उन्मूलन के प्रति जन जागरण गोष्ठी का आयोजन

गाजियाबाद। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर बुधवार को लोहिया नगर स्थित उप श्रम आयुक्त कार्यालय में उप श्रम आयुक्त अनुराग मिश्र की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बाल श्रम समस्या एवं उसके समाधान के संबंध में प्रतिभागियों द्वारा विचार व्यक्त किए गए। गोष्ठी में एएचटीयू प्रभारी निरीक्षक तरूणा सिंह, चाइल्ड लाइन प्रोजेक्टर कोऑर्डिनेटर शोभित बजाज, सहयोग केयर फॉर यू0 डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर रिजवान अली, एक्शन ऐड नई पहल डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर नीलम वैश्य, सेन्ट्रल ऑफ ट्रेड यूनियंस कोषाध्यक्ष कृष्ण सिंह, हिन्द मजदूर सभा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कुंजलता कौशिक, श्रम प्रवर्तन अधिकारी संदीप कुमार सिंह, डॉ रूपाली, हंस राज, सहायक श्रम आयुक्त वीरेंद्र कुमार एवं एसबी सरोज ने बाल/ किशोर श्रम के विरुद्ध शपथ ग्रहण की और हस्ताक्षर अभियान चलाया।

कोषाध्यक्ष कृष्ण सिंह ने बाल श्रम कर रहे बच्चों की सामाजिक स्थिति एवं आर्थिक स्थिति पर विचार रखा और बाल रमिक के परिवार के आर्थिक स्थिति के कारणों पर चर्चा की। बाल श्रम निषेध के साथ-साथ शपथ पर अमल किए जाने पर विचार रखा। एएचटीयू प्रभारी तरुणा सिंह ने बाल श्रम अभियान में संबंधित विभागों को टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उप श्रम आयुक्त अनुराग मिश्रने  अपने सम्बोधन में मुख्य रूप से सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न हितकारी योजनाओं से बाल श्रमिकों के परिवारों को जोड़ने पर विशेष बल देते हुए कहा कि यदि परिवार आर्थिक रूप से सक्षम होंगे, तभी बाल श्रमिकों की संख्या में कमी आयेगी।

बाल श्रम जैसी कुप्रथा को समाप्त किये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए बच्चों की शिक्षा की महत्ता पर विशेष जोर दिया गया तथा अवगत कराया गया है कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 एवं संशोधित अधिनियम, 2016 के बारे में विस्तार से बताया तथा पूर्व में 83 खतरनाक उद्योगों के स्थान पर संशोधित अधिनियम, 2016 में मात्र 03 नियोजन (खनन, ज्वलनशील पदार्थ) को ही खतरनाक श्रेणी में रखा गया है तथा बालक एवं किशोर की अलग-अलग श्रेणी बना दी गयी हैं। किसी भी नियोजन में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को कार्य पर लगाता है एवं चिन्हित किये जाने पर उसे दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या सजा और अधिकतम 50,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

बाल श्रमिकों के माता पिता को रोजगार दिए जाने में सभी संस्थाओं को आवश्यक सहयोग किए जाने के लिए प्रेरित किया। प्रत्येक व्यक्ति के सामाजिक भूमिका की भावना जागृत की गई। विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर अधिनियमानुसार बाल/ किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन उपरांत अनुवर्ती कार्यवाही के लिए लिए निर्देशित किया। उप श्रम आयुक्त ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में बाल श्रम उन्मूलन में विशिष्ट कार्यों के सम्पादन एवं सहयोग करने के लिए नीलम वैश्य, रिजवान अली एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में  29 मई को 55 बाल/किशोर श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मातृत्व शिशु बालिका मदद योजना के अन्तर्गत 1 लाभार्थी को धनराशि 25 हजार रुपये की एफडी प्रदान की।

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||