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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया में पानी की समस्या दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। कहीं पानी में टोटल डिसॉल्वड सॉलिड (TDS) की मात्रा ज्यादा है तो कहीं दूषित पानी सप्लाई हो रहा है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी आ ही नहीं रहा। डेल्टा कॉलोनी के कई इलाकों में गंगाजल की सप्लाई को लेकर ऐसी ही समस्या आ रही है। कहने को ये इलाका दिल्ली से सटा है, लेकिन साफ पानी आज भी इस इलाके में नसीब नहीं है। इसमें रामप्रस्था इलाका जहां करोड़ों की कोठियां हैं, वहां लोग पानी के लिए बाज़ार के चक्कर लगा रहे हैं। निवासियों ने बताया कि 2 महीने से हालात बद्तर हैं। जब से यहां पानी की नई लाइन पड़ी है, तभी से सप्लाई में समस्या आ रही है। वहीं कुछ निवासियों ने इसमें विभाग का ही पानी माफियाओं से मिले होने तक का आरोप लगाया है। यहां पानी के दाम भी अन्य इलाकों से बढ़े हुए हैं। उधर, इंदिरापुरम की साया गोल्ड सोसायटी के हालात देखकर लोग चिंता में हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनके यहां भी इस तरह की सिच्युएशन ना आ जाए।

नवभारतटाइम्स.कॉम
सांकेतिक तस्वीर

पानी का इंतज़ाम करना रोज की चुनौती
पानी का इंतजाम करने के लिए लोगों को एक दिन पहले ही तैयारी करनी पड़ती है। यहां पर मुख्य समस्या गंदे पानी, बदबूदार पानी से लेकर हाई टीडीएस पानी और कभी पानी की सप्लाई न होने की है। ऐसा महीने में 10 दिन जरूर हो रहा है। पिछले पूरे सप्ताह से लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं। गुरुवार को भी गंदे बदबूदार पानी की सप्लाई हुई। लोग बोरिंग के पानी पर निर्भर हो गए हैं। ऐसे यहां पर ब्लॉक सी और डी में 600 घर हैं, जो पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।

600 के पार है पानी का टीडीएस
बृज विहार में भी गुरुवार को 600 पार टीडीएस पानी की सप्लाई हुई। इसे लेकर लोगों ने सुबह ही ग्रुपों पर संदेश डालना शुरू कर दिया और पानी को पीने के लिए अयोग्य बताया। वहीं लोगों ने बताया कि दिन भर के यहां के करीब 200 घरों में गंदा पानी सप्लाई हुआ। लोगों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं, जब यहां भी स्वास्थ्य विभाग को कैंप लगवाना पड़ेगा। डायरिया के साथ-साथ उल्टी, लूज मोशन से जूझ रहे लोगों का इलाज चलेगा।

करीब ढाई हजार की आबादी परेशान
रामप्रस्था में सी और डी ब्लॉक में करीब 600 मकान हैं। इसमें ढाई हजार की आबादी है। यहां के निवासियों ने बताया कि पिछले दो महीने से यहां पर पानी की सप्लाई न, के बराबर है। यहां पर बीस से तीस मिनट ही सप्लाई होती है। वहीं इसमें गंदा पानी बदबूदार पानी आता है जो कि पीने योग्य नहीं होता। लोगों को बाहर से ही पानी खरीदकर पीना पड़ता है। निवासी जी. एल. बिष्ट का कहना है कि हालात देखकर लोग ये मानने लगे हैं कि जलकल ही पानी का बिजनेस करने वालों के साथ न मिला हो जो दो महीने से लोग साफ पानी के लिए तरस रहे हैं और बाहर से बोतलें मंगा रहे हैं। वहीं लोगों ने बताया कि दो से ढाई महीने पहले ही यहां पर पुरानी लाइन हटाकर नई लाइन डालने का काम हुआ है। लोगों को लगा था कि अब पानी साफ मिलेगा, लेकिन अब तो हालात बदत्तर हो गए हैं।

लोग बोले- ये बहाने सुन सुनकर पक गए हैं कान
आज वसुंधरा से जल आपूर्ति नहीं है। आज मोटर जल गई है। आज जल कम है। आज ऑपरेटर मोटर चलाना भूल गया। आज ऑपरेटर सोया रह गया। ऑपरेटर शराब की वजह से सोया रह गया। पानी तो छोड़ दिया, पता नहीं क्यों नहीं आ रहा। जनसंख्या बड़ गई है। नई पाइपलाइन ठीक नहीं डाली गई।

क्या बोले लोग
निवासी अंकित गाबा ने कहा कि यहां नई लाइन डालने से पहले ही पानी की समस्या थी। लेकिन नई लाइन डालने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा। अब बेहद गंदा पानी मिल रहा है। लगता ही नहीं ये गाजियाबाद का पॉश इलाका है। सिर्फ 20 मिनट की सप्लाई और उसमें भी इतना गंदा पानी। वहीं धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पानी को लेकर जब जनसुनवाई पर शिकायत करो तो रोक दिया जाता है। स्टाफ असभ्य व्यवहार करते हैं। शिकायत पर ऐक्शन नहीं होता है। बाहर बोतल बंद पर डिपेंड हैं, जो उसका मन करता है दाम बोलता है, मजबूरी में देना भी पड़ता है। क्या बोले अधिकारी
जेई सोमेंद्र तोमर ने इस मुद्दे पर कहा कि यहां पर सी, डी ब्लॉक में समस्या है, उसे ठीक करवाया जा रहा है। सी ब्लॉक में कोई परेशानी नहीं है। वहीं बृजविहार में बढ़े हुए टीडीएस की शिकायत भी आई थी, इसे भी चेक किया गया है।

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