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गाजियाबाद में डबल मर्डर।
मकान के ऊपरी फ्लोर पर रहता है आरोपी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, लोनी के गुलाब वाटिका में एक महिला रहती थी। उनका नाम यशोदा (65) था। उनके पांच बच्चे हैं, जिनमें दो बेटी और तीन बेटे हैं। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। तीनों बेटों के नाम बड़ा बेटा धर्मेंद्र (45) बिजेन्द्र (35) और आकाश (30) हैं। इसमें धर्मेंद्र मकान के उपरी फ्लोर पर पत्नी और बच्चों के साथ रहता है, जबकि यशोदा अपने दिव्यांग बेटे बिजेंद्र के साथ पहले और सबसे नीचे आकाश रहती थी।
पुलिस को बताया गया कि बुधवार को धर्मेंद्र की बेटी सुबह करीब साढ़े सात बजे दूध लेने के लिए जा रही थी। उसने पहले फ्लोर का दरवाजा खुला देखा। वह दादी के कमरे में गई तो दादी यशोदा और उसके चाचा बिजेंद्र को खून से लथपथ देखा। इसके बाद वो चिल्लाने लगी। चीख सुनकर परिवार और पड़ोस के लोग जुटे और पुलिस को सूचना दी।
आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की
पुलिस के मौके पर पहुंचने पर धर्मेंद्र ने गुमराह करने की कोशिश की उसने वारदात को लूट और हत्या बताया। आरोपी धर्मेंद्र ने बोला कि कमरे में अलमारियों और बेड का सामान बिखरा है सीढ़ियों का दरवाजा भी खुला था। उसने पुलिस के सामने आशंका जताई कि बदमाश छत के रास्ते से घुसे और हत्या कर के जीने के रास्ते से ही फरार हो गए। हालांकि, जब जांच करने गई तो पुलिस की टीम छत पर पहुंची तो वहां न तो कोई निशान मिले।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
पुलिस अधिकारियों ने आगे बताया कि हत्या का केस सुलझाना एक चुनौती बन गई थी। पुलिस के सामने सवाल यह था कि नीचे से मकान बंद है, अंदर की कुंडी लगी है और ऊपर जीने का दरवाजा खुला हुआ है। पुलिस को किसी करीबी का हाथ होने की आशंका हुई। खास बात यह है कि जब पुलिस ने परिवार के लोगों से घटनास्थल पर खुली अलमारियों की जांच कराई तो अलमारी में रखी जूलरी और पैसा भी वहीं मिल गया। इससे पुलिस को हत्या का शक और गहरा हो गया।
मां के पैसे न देने पर की हत्या
इसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर मृतक के बड़े बेटे धर्मेंद्र को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारी बात उगल दीं। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उस पर करीब डेढ़ लाख रुपये का कर्ज हो चुका था। तकादे वाले बार-बार पैसे मांग रहे थे। वह शराब पीने का भी आदी था। मां ने उसे पैसे देने से मना कर दिया और वह छोटे बेटे आकाश, मझले बेटे बिजेन्द्र पर ही ज्यादा विश्वास करती थी और उन्हें ही पैसे देती थी। इससे उसे गुस्सा आने लगा था।
मंगलवाल रात को वारदात को दिया अंजाम
मंगलवार रात वह करीब 11 बजे वह शराब पीकर घर आया। उसके मन में गुस्सा आ रहा था कि उसकी मां उसे पैसे नहीं दे रही है। देर रात उसने छत से खाट का पाया उठाया और फर्स्ट फ्लोर पर पहुंच गया। वहां मां यशोदा और भाई बिजेन्द्र सो रहे थे। उसने सोती हुई मां के सिर पर चारपाई का पाया दे मारा। इससे हल्की सी चीख के साथ मां का सिर फट गया और वह वहीं मर गई।
वहीं, पड़ोस में दिव्यांग भाई बिजेन्द्र भी सो रहा था। उसने मां को मारते हुए बिजेन्द्र को देख लिया। वारदात का खुलासा न हो इसलिए भाई की हत्या कर दिया। इस दौरान उसके शर्ट पर खून के छींटे भी आ गए थे, जिसे उसने धो दिया। इसके बाद वारदात में इस्तेमाल पाये को बगल के ही खाली प्लाट में फेक दिया और अपने कमरे में जाकर सो गया। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने लूट के बाद हत्या होने की बात कही। हालांकि, अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
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