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नोएडा: टिहरी सयंत्र पर काम के कारण 15 मई से अगले 45 दिन के लिए गंगनहर की सप्लाई प्रभावित होने की बात कही जा रही है। इस वजह से नोएडा को गंगाजल की सप्लाई नहीं मिल पाएगी। ऐसा होने पर इस भीषण गर्मी में शहर में पानी की किल्लत चारों तरफ छा जाएगी। खास बात यह है कि ऐसी किसी किल्लत से निपटने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने संसाधन भी नहीं तैयार किए हुए हैं। 8 दिन तक के लिए गंगाजल का स्टोरेज शहर में रहता है। इसके बाद पूरी तरह से ट्यूबवेल के भरोसे शहर की पानी सप्लाई आ जाएगी। वहीं दूसरी तरफ अथॉरिटी के जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कोई सूचना उनके पास अब तक नहीं आई है।शहर में हर दिन करीब 400 एमएलडी पानी की खपत होती है। इसमें 250 एमएलडी गंगाजल गाजियाबाद से आता है। हर वर्ष गंग नहर की जब सफाई के चलते नहर का पानी रुकता है तो करीब एक महीना गंगाजल की सप्लाई बंद रहती है। इस दौरान शहर में हाई टीडीएस की समस्या बनी रहती है। कुछ जगहों पर किल्लत भी हो जाती है। लेकिन वह नवंबर के महीने में रहती है। तब ट्यूबवेल से किसी तरह काम चल जाता है। लेकिन गर्मियों में ऐसी बंदी कभी नहीं हुई है।

दो साल से बन रहे हैं रेनीवेल

2022 से यमुना किनारे बंद पड़े रेनीवेल चालू करने की दिशा में नोएडा अथॉरिटी काम करवा रही है। यमुना किनारे कुल 11 रेनीवेल लगे हैं। इनमें 9 रेनीवेल बंद हो चुके हैं। एक रेनीवेल की क्षमता 18 एमएलडी की है। एक रेनीवेल चालू करवाने में करीब 7.5 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। तीन का टेंडर होकर 2 साल से काम चल रहा है। अब तक एक भी रेनीवेल चालू नहीं हुआ है। अब दावा है कि 10 मई के पहले 3 रेनीवेल चालू कर दिए जाएंगे।

नोएडा को 100 क्यूसेक और गाजियाबाद को 50 क्यूसेक पानी मिलता है

रोजाना गंगाजल प्लांट से नोएडा को 100 क्यूसेक और गाजियाबाद को 50 क्यूसेक पानी मिलता है। ऐसे में गंगनहर में पानी घटता है तो डिमांड के अनुसार पानी की सप्लाई नहीं हो पाएगी। लेकिन पूरी तरह से गंगनहर में पानी कम नहीं होगा क्योंकि हरिद्वार नहर में टिहरी और अलकनंदा दोनों तरफ से पानी आता है। अगर टिहरी से पानी बंद भी होगा तो अलकनंदा से पानी मिलता रहेगा। हालांकि गंगाजल की समस्या थोड़ी भी होने पर इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा समेत एक बड़ा इलाका प्रभावित होता है। अगर गर्मियों में यह थोड़े दिन के लिए भी बंद होता है तो लोगों को बहुत समस्या होगी, क्योंकि ट्यूबवेल से बहुत दिनों तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है। कुछ दिनों के अन्दर ही ट्यूबवेल का प्रेशर कम होने लगता है। वहीं, गंगाजल जीएम उन्मेश शुक्ला ने बताया कि हमें बस अभी सूचना मिली है कि ऐसा हो सकता है। लेकिन लिखित में कोई जानकारी नहीं दी गई है। अगर ऐसा कुछ होता है तो जीडीए और नगर निगम को भी तुरंत सूचना दी जाएगी, ताकि वह अपने स्तर से तैयारी कर सकें।

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