Tag: भूले भटकों का शिविर
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78 साल से एक ही लय… मिर्जापुर से आई ‘गुड़िया’ की अम्मा जहां कहीं भी हों, त्रिवेणी रोड़ पर भूले भटके शिविर में आ जाएं
हाइलाइट्समहाकुंभ,अर्द्धकुंभ और माघ मेले की पहचान बन चुकी है ये आवाजअब तक 15 लाख बिछड़ों को मिलवाने का दावात्रिवेणी मार्ग पर शिविर तैयार मेले का नाम आते ही मिलने बिछड़ने का भी खयाल आने लगता है. मेले में मिलने बिछड़ने पर बहुत सारी हिंदी फिल्में…