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नई दिल्‍ली. जमालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. वह उत्‍तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण का रैकेट चलाता था. यूपी पुलिस ने छांगुर बाबा पर धर्मांतरण का आरोप लगाया और इस मामले में गिरफ़्तार भी किया है. राज्य सरकार ने इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए नेपाल की सीमा से सटे बलरामपुर ज़िले में उसके घर को बुलडोज़र से गिरा दिया. हालांकि, ये घर उनकी सहयोगी के नाम पर है, लेकिन छांगुर बाबा का परिवार यहीं रहता था. छांगुर बाबा के बाद अब धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है. इससे पहले भी देश में धर्मांतरण के कई मामले सामने आ चुके हैं.

धर्मांतरण के बड़े मामले और तरीके

मार्च 2025: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन से पुलिस ने 18 यात्रियों को पकड़ा था. ये सभी गरीब मजदूर वर्ग के थे. इन्हें कुछ लोगों ने लालच दिया था कि यदि वे ईसाई धर्म अपना लेंगे तो उन्हें एक-एक लाख रुपए मिलेंगे. साथ ही उनके बच्चों को क्रिश्चियन स्कूल में पढ़ाया जाएगा और उन्हें विदेश में नौकरी करने का मौका भी मिलेगा.

अक्टूबर 2024: बीमार पिता के ठीक हो जाने का दावा कर ईसाई धर्म अपनाने को कहा गया. मध्य प्रदेश के सतना जिले में गरीब लोगों को ईसाई धर्म में कन्‍वर्ट करने के लिए लालच देने की कोशिश के आरोप में पुलिस ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया था. सतना के बैंक कॉलोनी निवासी आदर्श त्रिपाठी ने शिकायत की थी कि तीन महिलाएं उनसे मिलीं और उनके परिवार के बारे में जानकारी मांगी. उन्होंने कहा था कि इसके बाद तीनों ने उसे अपने बीमार पिता को ठीक करने के लिए ईसाई धर्म अपनाने के लिए राजी किया.

अगस्‍त 2023: ऑनलाइन गेम के जरिए पूरे परिवार का धर्मांतरण कराने की कोशिश की गई थी. साहिबाबाद गांव में रहने वाला 24 साल के एक युवक का आरोप है कि ऑनलाइन गेमिंग व फेसबुक के माध्यम से वह कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आ गया, जिन्होंने न सिर्फ उससे लाखों रुपये हड़प लिए, बल्कि उस पर गैर धर्म को अपनाने का दबाव भी बनाने लगे थे. ऐसा न करने पर उसे और उसके परिवार की अश्लील विडियो बनाकर पोर्न साइट पर डालने की धमकी दी जाने लगी.

मूलरूप से पंजाब के गुरुदासपुर के रहने वाले युवक ने बताया कि उसने एक गेमिंग ऐप डाउनलोड किया था. उसके बाद उसकी बातचीत वलीद उर्फ मुस्तफा और कबीर उर्फ शाहजहां से हुई. वलीद इस समय सऊदी अरब में रहता है. उन दोनों ने पहले हीरे के कारोबार में शामिल होने का लालच दिया. इसके लिए आधार कार्ड और अन्य पेपर मांगे जो युवक ने दे दिए. कुछ समय बाद उससे कुछ रुपये मांगे गए. जब उसने मना किया तो उसे डरा धमकाकर रुपयों की डिमांड शुरू कर दी. युवक का कहना है कि उसे उन लोगों ने बताया कि वे एक गिरोह चलाते हैं. उनका साथी जीत उर्फ दिवाकर शर्मा गाजियाबाद जेल में बंद है. उसे एक लाख रुपये जाकर दे आओ. युवक ने डरकर यह रकम दे दी. उसके बाद उससे फिर से रुपयों की मांग की गई. युवक ने रुपये देने से इनकार कर दिया. लगातार युवक को धमकी दी जाने लगी. आरोप है कि उससे और उसके परिवार पर धर्म बदलने के लिए भी दबाव बनाने लगे. ऐसा नहीं करने पर अश्लील विडियो बनाकर पोर्न वेबसाइट पर अपलोड करने की धमकी दी गई. इससे पहले आरोपियों ने उनके व उनके परिवार के लोगों के फोटो एडिट कर वायरल भी कर दिए. उन लोगों ने युवक को बताया कि उनका गिरोह ऐसा कई लड़कियों के साथ कर चुका है. उनका काफी बड़ा नेटवर्क है, जिसमें बड़े अफसर से लेकर राजनेता तक शामिल हैं.

300 लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की जिम्मेदारी: पंजाब में गांव में रहने वाले दलित समुदाय के सिख और हिंदुओं को ईसाई पादरी प्रभू यीसू के चमत्कार और दुखों से निवारण के दरबार लगाते हैं और बीमारियों का मुफ्त इलाज, स्कूलों में एडमिशन का लालच देते हैं. ईसाई पादरी सबसे पहले हिंदू और सिखों से बात करते हैं, फिर प्रार्थना सभा के माध्यम से चर्च लाने के बाद लोगों से अपनी समस्याएं को लिखकर एक लिफाफे में चर्च में लगे बॉक्‍स में डलवाते हैं. जिस क्षेत्र से समस्याएं ज्यादा प्राप्त होती हैं, उन गांवों को पास्टर द्वारा गोद ले लिया जाता है. गोद लेने के बाद ही मुफ्त की रेवड़ियां और प्रलोभन के टारगेट को तय किया जाता है, इसमें आर्थिक मदद के नाम पर पैसा देना भी शामिल है.

पंजाब में जिन हिंदुओं और सिखों को ईसाई बनाया जाता है, उनका नाम को नहीं बदला जाता और न ही पादरियों की ओर से सिखों को पगड़ी उतारने के लिए कहा जाता है. केवल नाम के आगे मसीह लगा दिया जाता है. जैसे कुलविंदर सिंह मसीह या राजेंद्र लूथरा मसीह. एक पास्टर को 300 लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की जिम्मेदारी दी जाती है. सिख स्कॉलर डॉ. रणबीर सिंह बताते हैं कि पूरे पंजाब में इस समय 65 हजार से अधिक पास्टर हैं और प्रत्येक पास्टर को एक वर्ष में 30 से लेकर 300 की संख्या तक हिंदु और सिखों को ईसाई बनाने का टारगेट दिया जाता है. कई जिलों में खेती-किसानी और नौकरियों को छोड़कर लोग ईसाईयत के प्रचार के लिए काम कर रहे हैं. महीने में सैकड़ों नए पादरी बनाए जा रहे हैं. धर्मांतरण का गिरोह चलाने वालों ने सोशल मीडिया और यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स भी बना रखे हैं. डॉक्टर हो या इंजीनियर, वकील हो या कारोबारी सभी को ईसाई बनाया जा रहा है.

जनवरी 2024: दमोह (मध्‍य प्रदेश) में धर्मांतरण का मामला समाने आया था. प्रिंसिपल पर बच्चों का धर्मांतरण कराने दबाव बनाया गया था. ऐसा नहीं करने पर डिमोशन कर दिया गया था. स्कूल में पदस्थ शिक्षक रवि शंकर भारती छह माह पूर्व तक गुड शेफर्ड स्कूल में प्रिंसिपल थे. उनकी पत्नी किरण भारती भी स्कूल में पदस्थ हैं. रविशंकर भारती का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उसे और उसकी पत्नी को 6 माह से वेतन नहीं दिया. छह माह पूर्व उसे प्राचार्य पद से हटा दिया गया. स्कूल प्रबंधन उस पर लगातार चर्च जाने और स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का धर्मांतरण कराने के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन जब उन्‍होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो 6 माह पूर्व उन्‍हें प्राचार्य पद से हटाकर शिक्षक बना दिया.
गैर-मुस्लिमों को डरा-धमकाकर, उन्हें नौकरी और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे. ये लोग आमतौर पर कमजोर वर्गों, बच्चों, महिलाओं और मूक बधिरों को को टारगेट कर उनका इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराते थे.

मई 2023: उत्‍तर प्रदेश के आजमगढ़ में झाड़-फूंक के नाम पर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. देवगांव थाना क्षेत्र के चिरकिहिट गांव में धर्मांतरण का मामला सामने आया है. इस गांव में त्रिशूल गाड़कर मुस्लिम और धर्मगुरुओं की फोटो लगाकर हिंदू समाज के लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए बरगलाया जा रहा था. इसके लिए बकायदा तैयारियां भी की गईं थी. इस पूरे कार्यक्रम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुक देने के लिए कव्वाली का भी आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के बहाने उपस्थित जनता को हिंदू धर्म की कमियां बताकर मुस्लिम धर्म को अच्छा बताया जा रहा था. पुलिस पूछताछ में अवधेश पासी ने बताया कि वह पिछले चार-पांच साल से बाराबंकी के देवा शरीफ जाता रहा है, जहां उसकी मुलाकात सिकंदर से हुई. सिकंदर वहां झाड़-फूंक का काम करता है और बीमारी ठीक करने का दावा करता है. सिकंदर अपने साथ गांव वालों की टीम लेकर चलता है, जो पांच 6 घंटे तक लगातार कार्यक्रम करके लोगों के विचार बदलने में सिकंदर की सहायता करती थी.

जून 2022: बेरोजगार और गरीब हिंदू युवकों को अपना निशाना बनाकर उन्हें किसी बड़ी कंपनी में नौकरी, मकान और लाखों रुपये कमाने का लालच देकर कराते थे धर्म परिवर्तन. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में इस्लामिक संगठन की आड़ में कथित रूप से अवैध धर्मांतरण कराए जाने के आरोप में तीन लोगों को अरेस्ट किया गया. आरोप था कि ये इस्लामिक संगठन बेरोजगार और गरीब हिंदू युवकों को अपना निशाना बनाकर उन्हें किसी बड़ी कंपनी में नौकरी, मकान और लाखों रुपये कमाने का लालच देकर अपने संगठन का सदस्य बनाते हैं. जब हिन्दू युवक इस्लामिक संगठन का सदस्यता ले लेता है तो उसे मदरसे में भेजा जाता है, जहां पर मदरसे का मौलवी हिन्दू युवकों को मुस्लिम धर्म अपनाने और उसका प्रचार-प्रसार करने की एक सप्ताह तक ट्रेनिंग देता है. इस तरह से जब मौलवी हिंदू युवक का पूरी तरह से ब्रेनवॉश कर देता है, तब उसका धर्म परिवर्तन कराया जाता है.

जनवरी 2024: छत्तीसगढ़ में स्कूल का एक टीचर बच्चों को धर्म चेंज करने की शपथ दिलवा रहा था. वायरल वीडियो में देखा गया कि प्रधान पाठक रतन लाल सरोवर ग्राम मोहतराई में लोगों की भीड़ इकट्ठा करके जिसमें विशेष तौर पर बच्चे भी शामिल हैं. अगुवाई करते हुए उन्हें एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़का रहे हैं. वायरल वीडियो में रतनलाल सरोवर कह रहे हैं कि शपथ लीजिए कि ‘मैं ब्रह्,मा विष्णु और महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और मैं न उनकी पूजा करूंगा. मैं राम और कृष्णा को ईश्वर नहीं मानूंगा और उनकी पूजा कभी नहीं करूंगा. मैं गौरी गणपति आदि हिंदू धर्म के किसी भी देवी देवताओं को नहीं मानूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा. ईश्वर ने अवतार लिया इस पर मेरा विश्वास नहीं है. मैं ऐसा कभी नहीं मानूंगा कि भगवान विष्णु बुद्ध के अवतार हैं, ऐसे प्रचार को मैं पागलपन और झूठा प्रचार समझता हूं. मैं श्रद्ध कभी नहीं करूंगा और न ही कभी पिंडदान करूंगा मैं बुद्ध धर्म के विरुद्ध कभी कोई बात नहीं करूंगा. मैं कोई भी क्रिया कर्म ब्राह्मणों के हाथों से नहीं करवाऊंगा.’ इसके बाद उन्होंने वहां उपस्थित सभी लोगों को हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म ग्रहण करने के लिए शपथ दिलवाया.

1 जुलाई 2025: प्रयागराज की दलित लड़की को केरल ले जाकर धर्म परिवर्तन कराने और जिहादी आतंकी बनाने के मामले में पुलिस को कई अहम जानकारी हाथ लगी है. बताया जा रहा है कि इस केस में जांच एजेंसी को देश विरोधी गतिविधियों सहित एक बड़ी साजिश के इनपुट मिले हैं, जहां एक 15 वर्षीय लड़की को बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया और उसपर जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया. केरल पहुंचने पर नाबालिग लड़की की मुलाकात कुछ अज्ञात और संदिग्ध लोगों से कराई गई. उन्होंने पहले लड़की को रुपयों का लालच दिया. फिर जबरन उसका धर्मांतरण कराया. आखिर में जिहादी ट्रेनिंग के लिए दबाव बनाया गया.

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