-जीवन को बचाना है, तो पौधा भी लगाना होगा: सुनील शर्मा
-वृक्षारोपण महाअभियान एक दिन उत्तर प्रदेश को हरा-भरा बना देगा: अतुल गर्ग
-गाजियाबाद में लक्ष्य से अधिक पौधे रोपकर बना राज्यस्तरीय उदाहरण
-1515 स्थलों पर हुआ वृक्षारोपण, 6 बजे सुबह से शुरू हुआ हरियाली अभियान
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू किए गए “वृक्षारोपण महाअभियान-2025” के तहत बुधवार को गाजियाबाद में हरियाली की एक ऐतिहासिक इबारत लिखी गई। ‘एक पेड़ मां के नाम-2.0Ó अभियान के अंतर्गत 11,47,980 पौधे रोपे गए, जो न केवल प्रदेश सरकार के संकल्प को दर्शाता है, बल्कि यह गाजियाबाद की जागरूक जनता की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण भी है। मुख्य कार्यक्रम विजयनगर स्थित रक्षा भूमि राइफल रेंज में आयोजित हुआ, जहां कैबिनेट मंत्री सुनील कुमार शर्मा, सांसद अतुल गर्ग, सदर विधायक संजीव शर्मा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी ईशा तिवारी, तथा मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल की गरिमामयी उपस्थिति में पौधारोपण किया गया। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि अगर हमें जीवन को बचाना है, तो पौधा ज़रूर लगाना है।
एक पेड़ केवल हरियाली नहीं, बल्कि ऑक्सीजन, जीवन, औषधि, फल और भविष्य की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि मोबाइल की दुनिया से बाहर आकर बच्चों को प्रकृति से जोडऩा होगा। उन्होंने तीखा उदाहरण देते हुए कहा, प्रकृति राम है और मोबाइल रावण। सांसद अतुल गर्ग ने वृक्षारोपण को सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी बताया और कहा कि यह महाअभियान उत्तर प्रदेश को जल्द ही देश का सबसे हरा-भरा प्रदेश बना देगा। सदर विधायक संजीव शर्मा ने भी संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि पेड़ लगाना एक दिन का काम है, लेकिन उसे बचाना जीवनभर की जिम्मेदारी। इस महाअभियान में पूरे जनपद में 1515 स्थलों पर पौधे लगाए गए। शासन से 11,36,400 पौधों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अधिकारियों और जनसहभागिता से यह आंकड़ा 11,47,980 तक पहुंच गया। इसमें ग्राम विकास विभाग को सबसे अधिक 3.08 लाख पौधों का लक्ष्य मिला, जबकि नगर विकास विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, और पर्यावरण विभाग ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
प्रभारी अधिकारी, स्कूल, कॉलेज, स्वयंसेवी संस्थाएं, एनसीसी, एनडीआरएफ, रोटरी क्लब, किसान मंडल, और स्थानीय नागरिकों ने इसे एक जन आंदोलन के रूप में लिया और पौधारोपण को पूरे जिले में अभियान का रूप दिया। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि हमारा प्रयास केवल पौधा लगाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर पौधा वृक्ष बने। हमें संरक्षण की जि़म्मेदारी सामूहिक रूप से उठानी होगी। गाजियाबाद में अब तक जीडीए, नगर निगम, वन विभाग जैसे प्रमुख संस्थानों के माध्यम से लाखों पौधे लगाए जा चुके हैं। इस वर्ष वन महोत्सव की शुरुआत 1 जुलाई से हुई थी और यह 5 सितंबर तक विभिन्न थीम आधारित उपवन जैसे ऑक्सी वन, शौर्य वन, अटल वन, रक्षाबंधन वाटिका, एक पेड़ गुरु के नाम, आदि के माध्यम से जारी रहेगा। इस ऐतिहासिक वृक्षारोपण ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति और जनसहभागिता साथ हो, तो कोई भी पर्यावरणीय लक्ष्य असंभव नहीं। गाजियाबाद ने पर्यावरण प्रेम की मिसाल पेश की है, जो आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा बनकर उभरेगी।
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