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Banke Behari temple rejects calls to ban Muslim weavers dresses : हिंदूवादी नेता और श्री कृष्ण जन्म भूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष फलाहारी दिनेश शर्मा की मांग को मंदिर प्रशासन ने खारिज कर दिया है. दिनेश शर्मा ने …और पढ़ें

मुस्लिम बुनकरों की पोशाक बैन करने की मांग, बांके बिहारी मंदिर ने की खारिज

Banke Bihar Temple : बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण के लिए मुस्लिम बुनकर बनाते रहेंगे पोशाक, नहीं लगेगा बैन

मथुरा. हिंदूवादी नेता और श्री कृष्ण जन्म भूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष फलाहारी दिनेश शर्मा ने भगवान बांके बिहारी को मुस्लिम कारीगरों की ओर से बनाए जाने वाली पोशाक को धारण न कराए जाने की मांग की थी. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत ज्ञानेंद्र गोस्वामी गोस्वामी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि दिनेश शर्मा और उनके संगठन के लोग आए थे लेकिन उनकी मांग को पूरा कर पाना संभव नहीं है क्योंकि भगवान बांके बिहारी को जो पोशाक पहनाई जाती हैं, उसे भक्त लोग चढ़ाते हैं. वह उन पोशाक को दुकानों से लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि पोशाक हिंदू और मुस्लिम दोनों कारीगर बना रहे हैं. ऐसे में यह संभव नहीं है कि हर जगह जाकर देखा जाए कि पोशाक को कहां हिंदू बन रहा है और कहां मुसलमान बना रहा है.

ज्ञानेंद्र गोस्वामी ने कहा, ‘हां! यह बात जरूर है कि पोशाक बनाते समय लोगों को शुद्धता का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि बांके बिहारी की नगरी वह पावन भूमि है, जहां भाव की प्रधानता है. उन्होंने बताया कि अकबर के लाए हुए इत्र को बिहारी जी ने स्वीकार किया था. अकबर की लाई हुई इत्र की खुशबू पूरे निधिवन राज में फैल गई थी.’

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इधर, मथुरा की मांट सीट से विधायक राजेश चौधरी ने कहा कि मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनी पोशाक भगवान को समर्पित न हो और न ही हमारे आराध्य को पहनाईजाए. चौधरी ने कहा कि हिंदू धर्म बड़ा ही पवित्र और शुद्धता का धर्म है. जो व्यक्ति मांस खाता हो और शुद्धता से ना रहता हो, जिसकी गंदी सोच हो अगर वह व्यक्ति ठाकुर जी की पोशाक या आभूषण बनाता है तो ठाकुर जी स्वयं ही उसको स्वीकार नहीं करेंगे. चौधरी ने कहा कि हिंदू धर्म बड़ा ही शुद्ध धर्म है. ऐसे लोगों को हिंदू धर्म ग्रहण करने की सलाह दे डाली. चौधरी ने कहा कि वैसे तो यह लोग हमसे नफरत करते हैं. जब पैसा कमाने का वक्त आए तो हमारे साथ खड़े रहते हैं.

अयोध्या के संत समाज ने कहा, ‘मुस्लिम समाज के द्वारा तैयार की गई पोशाक को बिल्कुल नहीं धारण करना चाहिए. जगदगुरु रामजी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग पूजा पाठ करने मंदिर नहीं आते. हिंदुओं को वह नापाक मानते हैं. उन्हें पोशाक सिलने का कोई अधिकार नहीं है. उनकी ओर से निर्मित पोशाक ठाकुर जी को नहीं पहनना चाहिए. अगर मन में नफरत भरी है तो दिखावे का कार्य नहीं स्वीकार किया जाना चाहिए.’ जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा, ‘मुस्लिम समाज के द्वारा अगर पोशाक श्रद्धा से दी गई है तो उसे स्वीकार करना चाहिए लेकिन भगवान को धारण नहीं करना चाहिए.’

सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने कहा, ‘न्यास ने जो विरोध दर्ज किया है वह उचित है. यही मुस्लिम धर्म के लोग हमारे धर्म का विरोध करते हैं. हम उन्हें अपना मानते हैं. उनसे अपने ठाकुर जी की पोशाक सिलवाते हैं. ठाकुर जी के उत्सव में मुस्लिम कारीगरों से कार्य करते हैं. भगवान की माला यह लोग बनाते हैं. हम इनका कोई विरोध नहीं करते लेकिन जहां हमारे धर्म की बात आती है वहीं मुस्लिम समाज के लोग हमारा विरोध करने लगते हैं.’

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मुस्लिम बुनकरों की पोशाक बैन करने की मांग, बांके बिहारी मंदिर ने की खारिज

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