पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद अपनी पहचान “पीतल नगरी” के रूप में पूरी दुनिया में बना चुका है. यहां के कुशल कारीगर पीतल से बने अद्वितीय उत्पादों पर अपनी बारीक नक्काशी से चार चांद लगा देते हैं. यही कारण है कि मुरादाबाद के पीतल उत्पाद देश-विदेश में अत्यधिक पसंद किए जाते हैं.
पीतल नगरी के इस शहर में पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए खासतौर पर मंगल कलश तैयार किया जाता है. इस मंगल कलश पर गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्तियों के साथ सुंदर नक्काशी की जाती है, जो इसे बेहद आकर्षक बनाती है. हाल के दिनों में मंगल कलश की मांग में तेजी देखी गई है, खासकर केरल और हैदराबाद से.
पीतल नगरी की धूम
यहां के उत्पाद देश-विदेश में इतना पसंद किए जाते हैं. तो वहीं पीतल नगरी के इस शहर में पीतल के विभिन्न उत्पादों के साथ-साथ पीतल का मंगल कलश तैयार किया जाता है. इस मंगल कलश में चारों तरफ गणेश जी की मूर्ति के साथ कई प्रकार की नकाशी की गई है. जिससे यह देखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षित लग रहा है. जिसकी बहुत अच्छी डिमांड देखने को मिल रही है।
नक्काशी कर किया जा रहा तैयार
पीतल कारोबारी सुरेंद्र दिवाकर ने बताया कि यह मंगल कलश पूजा में रखने के लिए और पूजा के विभिन्न स्थानों पर रखने के लिए तैयार किया गया है. इसके चारों ओर गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा बारीक नकाशी से उकेरी गई है. इस मंगल कलश को हाथ की कारीगरी से सुंदर बनाने का काम किया गया है.
क्या है खासियत
यह मंगल कलश दो साइज में उपलब्ध है. एक का वजन 1 किलो है. दूसरे का 2 किलो वजन है. इस मंगल कलश में नारियल पत्ती और कलश शामिल है. जिस पर नकाशी की गई है. इस मंगल कलश की केरल और हैदराबाद से सबसे ज्यादा डिमांड है. दरअसल वहां की मान्यता है कि वहां हर घर हर मंदिर में मंगल कलश होना अनिवार्य होता है.
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