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लखनऊः संसद भवन में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा हुई. इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा पर हिस्सा लेते हुए अखिलेश यादव ने भारतीय सीमाओं में चीन की घुसपैठ को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारी सीमा में सेंध लगाई जाती है. उन्होंने सवाल किया कि 75 साल में हमारी सीमा कितनी सुरक्षित है? अखिलेश यादव ने कहा कि कई जगह हमारी सीमाएं सिकुड़ रही हैं.

‘मुस्लिमों की लूटी जा रही है संपत्ति’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुस्लिमों की संपत्ति लूटी जा रही है. वहीं मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में हुए हंगामे का भी जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस अधिकारी मुस्लिम महिलाओं पर बंदूक ताने हुए खड़े थे. लेकिन उन महिलाओं ने अपनी जान की फिक्र नहीं की और वोट डालने गईं. वहीं जातीय जनगणना को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आप करा सकते हैं तो कराइए, हम लोग को जब भी मौका मिलेगा अब जातीय जनगणना करवाएंंगे. अखिलेश यादव ने कहा कि तानाशाही की तरफ व्यवस्था बढ़ रही है.

‘आर्थिक विषमता बढ़ी है’
अखिलेश यादव ने कहा कि देश में आर्थिक विषमता बढ़ी है. मौजूदा सरकार केवल 10 फीसदी लोगों के लिए काम रही है. अगर गेरुआ गमछा डालकर कोई आदमी पहुंचता है तो उसकी जी हजूरी होती है और सामान्य लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है.

‘देश कस्टोडियल डेथ में आगे बढ़ रहा है’
अखिलेश यादव ने कहा, ‘फर्जी मुठभेड़ में हत्याएं हो रही हैं. हमारा देश कस्टोडियल डेथ में आगे जा रहा है. मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वाले शांति नहीं चाहते. आदमी कहीं भी सुरक्षित नहीं है. जेल में हत्याएं हो रही हैं. पुलिस की सुरक्षा में हत्याएं हो रही हैं. यूपी में मुस्लिमों के पूजा स्थलों को तोड़ा जा रहा है. आज कई मायनों में यूपी पीछे दिखाई दे रहा है. सरकारी नौकरी इसलिए नहीं दी जा रही है कि आरक्षण देना पड़ेगा. आए दिन पेपर लीक हो रहे हैं. जानबूझकर पेपर लीक कराए जा रहे हैं.’

अग्निवीर पर बोले अखिलेश
इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा, ‘अग्निवीर का सवाल आज भी वैसे ही है. हम अग्निवीर की व्यवस्था को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. यह कैसी चर्चा संविधान की, जो है बिना प्रधान की. मुस्लिमों पर अत्याचार बढ़ रहा है. इस सरकार में जो लोकतंत्र में खिलवाड़ हुआ है, उतना कभी नहीं हुआ है. संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा. संविधान को एक और करो या मरो की जरूरत है.’

संसद हमले को किया याद
चर्चा में अपना बयान जारी करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं सबसे पहले लाखों लाख लोग जो भारत देश की आजादी में जान न्यौधावर कर दी, देश आजाद हुआ, आजादी के बाद बाबा साहेब और तमाम हमारे वरिष्ठ लोगों ने इस संविधान को देने का काम किया मैं उन लोगों को याद करने के साथ-साथ जिस संसद में हम बैठे हैं, अगर सुरक्षाकर्मी आतंकियों का सामना नहीं किया होता तो आज क्या स्थिति होती. मैं संविधान की चर्चा पर जहा खड़ा हुआ हूं, उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हमारा संविधान जो तैयार हुआ है, उनकी प्रबुद्ध दृष्टि का नजारा है.’

‘संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी हमारी’
लोकसभा में अखिलेश ने अपने सियासी समीकरण पीडीए का जिक्र करते हुए कहा कि हमें विविधता में एकता पर गर्व है. हमारे जैसे लोग और कमजोर लोग और खासकर पीडीए के लोगों के लिए संविधान जन्म मरण का विषय है. ये संविधान वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए है. संविधान देश की प्राण वायु है. संविधान की प्रस्तावना संविधान का निचोड़ है. सीमाओं का रक्षा करना प्रथम कर्तव्य है. जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा में जहां पर समय समय पर सेंध लगती हो और हमारे माननयी मंत्री बेहतर जानते हैं कि कई जगहों पर सीमाएं सिकुड़ रही हैं. हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं. न जाने कितना वहां गांवों की तरह घर बसा दिए गए हैं. लद्दाख की तरफ दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं. हम अपनी सीमा में पीछे हटे, चीन हमारी सीमा से आंशिक रूप से पीछे हटा है.

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