ARMY K9 VAJRA : हाई ऑलटेट्यूड में चीन के खिलाफ जंग लड़ने और जीतने के लिए भारतीय सेना कमर कस ली है. भारत को 2020 में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद हुआ. विवाद तनाव में बदला. फिलहाल शांति है लेकिन आगे फिर से एसा नहीं होगा ये कहा ही नहीं जा सकता. एसे में भारत ने खुद को तैयार कर लिया है. भारतीय सेना अपने आधुनिकिकरण के दौर से गुजर रही है जिसमें आर्टेलरी भी शामिल है. उसी कड़ी में बड़ी संख्या में नई गन को शामिल भी किया जा रहा है जिसमें सेल्फ प्रोपेल्ड गन K9 वज्र शामिल है. 100 लंबी दूरी तक मार करने वाली K9 वज्र पहले ही सेना की ताकत को बढ़ा रही है तो 100 अतिरिक्त गन खरीदने का फैसला भी ले लिया गया है.
कितनी घातक है K9 वज्र ?
टैंक जैसा दिखने वाला K9 वज्र बलशाली भी है और घातक भी. ये गन कोरिया से ली गई है और इसका निर्माण भारत में ही किया जा रहा है. वज्र 155mm 52 कैलिबर गन है. इसे किसी गाड़ी के पीछे टो करके ले जाने की जरूरत नहीं ये ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड है. इसका वजन 47 टन के करीब है और इतने वजन के साथ 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. इसकी मारक क्षमता भी जबरदस्त है. अलग-अलग तरह के एम्युनेशन ये 28 से 38 किलोमीटर तक मार कर सकता है. 30 सैकेंड में 3 राउंड, 3 मिनट में 15 और 60 मिनट में 60 राउंड फायर कर सकता है. वज्र को डायरेक्ट फायरिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है और 1 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकती है. ये तोप एक साथ 49 राउंड अपने साथ लेकर मूव कर सकती. इस तोप को ऑपरेट करने के लिए बस 5 क्रू मेंमबर की जरूरत होती है. इस गन में अत्याधुनिक ऑपरेटर कंट्रोल सिसटम लगा है जो कि इसके ऑप्रेशन को आसान बना देते हैं ख़ास बात ये है कि दूसरी गन की तरह इसे फ़ायर करने के बाद क्लोज़िग टाईम कुछ ही मिनट लगते हैं यानि की एक बार फ़ायर कर के कम समय में दूसरी जगह मूव हो सकता है. लद्दाख में इस वक्त ये आर्टेलरी गन चीन को ज़बरदस्ती चुनौती के लिए तैयार है
LAC पर सारा फोक
सेना का अब सारा फ़ोकस अब नार्दन बॉर्डर ही है. उसी के मद्देनज़र सेना ने ख़ास तौर पर चीन के खिलाफ एलएसी पर तैनाती के लिये 100 अतिरिक्त K-9 वज्र तोप लेना का फ़ैसला किया है. सरकार ने इसकी मंजूरी भी दे दी है. ये 100 गन खास तौर पर हाई ऑलटेट्यूड इलाक़े के लिये जा रहे हैं. 100 K-9 वज्र तोप पहले ही भारतीय सेना में शामिल की जा चुकी है. ये पाकिस्तान सीमा के पास रेगिस्तान में ऑप्रेट करने के लेहाज से ली गई थी. लेकिन जैसे ही पूर्वी लद्दाख में विवाद बढ़ा इन तोपों को हाई ऑलटेट्यूड में तैनात कर दिया जहां तापमान -20 से -30 डिग्री तक गिर जाता है. माइनस तापमान वाले इलाक़ों में ऑयल, लुब्रिकेंट, बैटरी और अन्य कई दिक़्क़तें पेश आती है. अलग अलग तरीके के बदलाव के साथ अभी हाई ऑलटेट्यूड इन तोप को इस्तेमाल किया जा रहा है. अब नई ली जाने वाली 100 अतिरिक्त K-9 वज्रा तोप ख़ास उन 9 विंटर किट और फ़ायर एंड कंट्रोल सिस्टम के बदलाव के साथ ली जाएगी. कहा जाता है जिसके पास जितनी बडी और आधुनिक तोप होगी जंग का पलड़ा उसी की तरफ झुक जाएगा. भारत ने तो ले ली है ऐसी तोप.
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||