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शाहजहांपुर : ठंड का मौसम टमाटर की खेती के लिए सबसे बेस्ट होता है. एक्सपर्ट के अनुसार सर्दियों के मौसम में टमाटर की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन, टमाटर की खेती को फायदे के मुकाम तक पहुंचाने के लिए किसानों कई बातों को ध्यान में रखना होता है. टमाटर की फसल मे फल भेदक कीट एक गंभीर समस्या है जो टमाटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. यह कीट टमाटर के फलों में छेद कर देता है जिससे फल सड़ जाते हैं और उत्पादन कम हो जाता है. कई बार तो 50% तक फसल बर्बाद हो जाती है. जरूरी है कि फल भेदक कीट का समय पर नियंत्रण किया जाए.

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि फल भेदक कीट टमाटर की फसल में तेजी के साथ फैलता है. मादा कीट टमाटर के पौधों की पत्तियों या फलों पर अंडे देती है. अंडों से निकले लार्वा फलों में घुसकर गूदा खाते हैं. यह कीट मिट्टी में या पौधों के अवशेषों में छिप जाते हैं. वयस्क कीट नए पौधों पर अंडे देने लगते हैं. इसकी रोकथाम के लिए किसान फसल चक्र अपना सकते हैं. इसके अलावा क्रॉप ट्रैप तकनीक का इस्तेमाल कर भी फल भेदक कीट को रोका जा सकता है या फिर किसान रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल कर इस कीट से निजात पा सकते हैं.

सस्ता और टिकाऊ उपाय
फल भेदक कीट से टमाटर की फसल को बचाने के लिए क्रॉप ट्रैप तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए किसान 16 लाइन टमाटर के पौधों की लगाने के बाद एक लाइन गेंदा के फूल की लगा दें. ऐसा करने से फल भेदक कीट मुख्य फसल टमाटर की ओर आकर्षित होने की बजाय गेंदा के पौधों की ओर आकर्षित होते हैं. जिससे टमाटर की फसल को नुकसान नहीं हो पाता. इसके अलावा किसानों को गेंदा के पौधों से अतिरिक्त आमदनी मिल जाएगी. तैयार होने वाले गेंदा के फूल को किसान बाजार में आसानी से बेच सकते हैं.

इस बात का रखें खास ध्यान
टमाटर की फसल लगाते समय भी किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. ध्यान रखें कि पौध बहुत ज्यादा दिन पुराना ना हो. किसान 20 से 25 दिन पुरानी पौध का ही इस्तेमाल करें. ऐसा करने से भी फल भेदक कीट के प्रकोप का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.

खरपतवार नियंत्रण भी है जरूरी
कीट से बचने के लिए खरपतवार नियंत्रण भी जरूरी है. खरपतवार कीटों के लिए शरणस्थली होते हैं, इसलिए उनको नष्ट करना जरूरी है. इसके अलावा संक्रमित फलों को भी तुरंत तोड़कर नष्ट कर दें. नीम का तेल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. जो सस्ता और जैविक उपाय है.

अंतिम स्थिति में करें इस दवा का प्रयोग
अगर जैविक और देसी उपाय करने के बावजूद भी टमाटर की फसल में फल भेदक कीट की रोकथाम नहीं हो पा रही है तो किसान थायोडिकार्ब नाम के रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस कीटनाशक का इस्तेमाल करने से टमाटर की फसल में मौजूद लार्वा मर जाएगा. जिससे कीट का नियंत्रण हो जाएगा.

Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi

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