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राजस्थान के दौसा जिले में 3 दिन से बोरवेल में फंसे 5 साल के मासूम आर्यन की मौत हो गई है। आर्यन को करीब 57 घंटे बाद बुधवार रात 11:45 बजे बोरवेल से बाहर निकाला गया था।

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उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस से हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। एनडीआरएफ की टीम ने अम्ब्रेला और रिंग उपकरण के साथ रस्सी बंधी हुई रॉड को एक साथ हिलाना शुरू किया, जिसमें बच्चे के फंसते ही उसे बाहर निकाला था।

कालीखाड़ गांव में बोरवेल से बाहर आने के दौरान ही आर्यन बेहोशी की हालत में था। वह तीन दिन से भूखा-प्यासा भी था। दौसा जिला हॉस्पिटल के डॉ. दीपक शर्मा के अनुसार- बच्चे को अस्पताल लाते ही ईसीजी समेत सभी जांच की गईं, लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थीं।

दौसा हॉस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना है कि रात करीब 12 बजे आर्यन को लाया गया था। उसकी कंडीशन ठीक नहीं थी। कुछ देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया था।

रात करीब 11.45 बजे बच्चे को बोरवेल से निकलाने के तुरंत बाद डॉक्टर्स उसे हॉस्पिटल लेकर रवाना हो गए।

बेटे आर्यन के बोरवेल से निकलने और उसकी हालत के बारे में सुनकर मां रोते-रोते बेहोश हो गई।

दिनभर सुरंग खोदने में लगा रहा प्रशासन

दो दिन में आर्यन को बोरवेल से निकालने के 6 देसी जुगाड़ फेल होने के बाद बुधवार सुबह से पाइलिंग मशीन के जरिए एक और गड्ढा किया जा रहा था। एनडीआरएफ के अनुसार से इसके जरिए पाइप डालकर आर्यन को बाहर निकालने की योजना थी, लेकिन मशीन बुधवार दोपहर को खराब हो गई।

इसके बाद एक और मशीन बुलाने और फिर से खुदाई शुरू करने में टाइम लगा गया। इस बीच आर्यन की मां गुड्‌डी देवी ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लगाए। करीब 57 घंटे तक बोरवेल में फंसे आर्यन तक प्रशासन और रेस्क्यू की टीमें खाना-पानी पहुंचाने में नाकाम रही थीं।

मां के सामने ही बोरवेल में गिरा था आर्यन

आर्यन सोमवार (9 दिसंबर) को दोपहर तीन बजे घर से करीब 100 फीट दूर बोरवेल में गिर गया था। वह मां के साथ ही खेल रहा था, लेकिन जब तक उसकी मां उसे पकड़ पाती वह बोरवेल में फिसल गया। परिवार ने ये बोरवेल करीब तीन साल पहले खुदवाया था। हालांकि, इसमें मोटर फंसने के कारण यह काम नहीं आ रहा था, लेकिन इसे बंद नहीं करवाया गया।

अब देखिए कहां हुआ हादसा और रेस्क्यू की तस्वीरें…

बुधवार को रात 11.30 बजे रेस्क्यू के लास्ट फेज में रेस्क्यू टीमों ने बच्चे को बाहर खींचा।

बुधवार सुबह रेस्क्यू टीमों ने प्लानिंग में बदलाव करते हुए पाइलिंग मशीन से खुदाई शुरू की थी।

बुधवार शाम करीब 4 बजे आर्यन की मां गुड्‌डी देवी की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर ने मौके पर पहुंचकर उनका चेकअप भी किया था।

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पिता की आंखें टकटकी लगाए बोरवेल को देख रही हैं। उनका कहना है- पता नहीं था यह बोरवेल एक दिन मेरे बेटे के लिए मुसीबत बन जाएगा। अगर ये पता होता तो खेती करना ही छोड़ देता। कुछ और काम कर लेता। पिता बार-बार दूध की बोतल लेकर बोरवेल के पास जा रहे हैं, न जाने कब 147 फीट गहराई में फंसे बेटे आर्यन को पिलाना पड़ जाए। पूरी खबर पढ़िए…

2. बोरवेल में गिरा बच्चा मशीन पर अटका,रेस्क्यू के दो ऑप्शन:जिस मशीन के फंसने से बंद पड़ा था ट्यूबवेल; उसी पर टिका मासूम, क्या आ रही मुश्किल?

मासूम को बाहर निकालने के केवल 2 ही रास्ते बचे हैं। पहला बोरवेल के ऊपर से रिंग डालकर, ताकि किसी तरीके से वह उसमें अटक जाए और खींचकर ऊपर निकाला जाए। इसके कई प्रयास फेल हो चुके हैं। दूसरा रास्ता ये है कि बोरवेल के पास ही सुरंग खोदकर नीचे उतरा जाए। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या-क्या मुश्किलें सामने आ रही हैं? कौनसे प्रयास विफल हो चुके हैं? पूरी खबर पढ़िए…

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