Image Slider

51 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

कहते हैं मौजूदा संसद सत्र में ही केंद्र सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक पेश कर सकती है। सरकार का कहना है कि वह इस विधेयक पर आम सहमति बनाना चाहती है। हो सकता है यह विधेयक जेपीसी यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजा जाए, ताकि इस पर व्यापक विचार-विमर्श हो सके। विचार अच्छा है और किफ़ायती भी। क्योंकि बार- बार के चुनावों से लोग तंग आ चुके हैं और बेपनाह चुनाव खर्च से मुक्ति का ज़रिया भी यही है।

यह तस्वीर मार्च 2024 की है। राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपी गई 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट में कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी को यह काम सौंपा गया था। उन्होंने सिफ़ारिश की है कि सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ा-घटा दिया जाए और लोकसभा के साथ फिर सभी विधानसभाओं के एक साथ चुनाव करवा लिए जाएँ। इसी तरह बाद में नगरीय निकायों के चुनावों की भी तारीख़ निश्चित करके वन नेशन, वन इलेक्शन की अवधारणा को पूरा किया जाए।

सीधा सवाल यह है कि जिन दलों को सरकारें गिराने की आदत सी है, उनका क्या होगा? बीच कार्यकाल जो सरकारें गिर जाएंगी, उन राज्यों में मध्यावधि चुनाव होंगे या नहीं? नहीं होंगे तो क्या वहाँ शेष अवधि में राष्ट्रपति शासन क़ायम रहेगा क्या?

अगर मध्यावधि चुनाव की नौबत आती है तो फिर वन नेशन, वन इलेक्शन की धारणा का क्या होगा? क्या मध्यावधि चुनाव होने की स्थिति में नई सरकार पूरे पाँच साल के लिए चुनी जाएगी या पिछली विधानसभा के शेष कार्यकाल के लिए? वैसे भी अभी लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन का कार्य बाक़ी है।

संसद और विधान मंडलों की सीटें बढ़ने की स्थिति में क्या होगा? कितनी सीटें बढ़ेंगी? दक्षिणी राज्यों में कितनी और शेष भारत में कितनी, यह गिनती लगाना अभी बाक़ी है। भारत जैसे देश में ये वन नेशन, वन इलेक्शन का नारा कितना कारगर साबित होता है, यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन ऐसा होता है तो देश को बेतहाशा चुनाव खर्च से छुटकारा तो मिलेगा ही, रोज- रोज के चुनावी हल्ले से भी निश्चित तौर पर मुक्ति मिल जाएगी।

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||