उच्चतम न्यायालय ने 9 दिसंबर को खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Food Security Act) के तहत भोजन उपलब्ध कराने से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह बात कही. कोर्ट ने कहा कि लोगों को कब तक मुफ्त चीजें दी जा सकती हैं?
प्रशांत भूषण ने दी दलील, ई-श्रम पोर्टल पर दर्ज सभी प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन मिले..
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और मनमोहन की बेंच के सामने एक एनजीओ की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी किए जाने की आवश्यकता है.
केंद्र ने बताया, 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा..
दलील में केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि कब तक मुफ्त चीजें दी जा सकती हैं? हम इन प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर और क्षमता निर्माण पर क्यों नहीं काम करते?
प्रशांत भूषण ने कहा कि अदालत ने समय-समय पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि वे केंद्र द्वारा प्रदान किए जाने वाले मुफ्त राशन का लाभ उठा सकें. मगर नवीनतम आदेश में कहा गया है कि यदि किसी के पास राशन कार्ड नहीं है और अगर वह इंसान ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड है, तो उसे भी केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त राशन दिया जाएगा.
Tags: Free Ration, Supreme Court
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