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गुजरात के वडोदरा में स्थित एशिया के पहले डेंटल म्यूजियम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। डॉ. चंदराणा डेंटल म्यूजियम ने टूथब्रश के सबसे बड़े कलेक्शन और इन टूथब्रश के प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाया है।
कलेक्शन में 2 हजार 371 दांत और 26 तरह के टूथब्रश शामिल हैं। इनमें दातुन और 19वीं सदी के हड्डी और जानवरों के बालों से बने टूथब्रश शामिल हैं। इससे पहले टूथब्रश के सबसे बड़े कलेक्शन का रिकॉर्ड एक कनाडाई लड़की के नाम था, जिसके पास 1,678 टूथब्रश थे।
म्यूजियम 2016 में डॉ. योगेश चंदराणा ने बनवाया था। उन्होंने बताया कि म्यूजियम में दांतों का चेकअप जल्दी हो जाता है। पहले दांतों की फोटो ली जाती है और 30-40 सेकेंड में पेशेंट के मोबाइल पर दांतों की समस्या की रिपोर्ट आ जाती है।
बच्चों को एनीमेशन के जरिए दांतों की बीमारी बताई जाती है
डेंटल म्यूजियम में हाई-टेक व्यवस्था की गई है। खासकर बच्चों को एनीमेशन के जरिए दांतो की बीमारी के बारे में बताया जाता है। डेंटल रिपोर्ट मिलने पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (AI) की मदद से डेंटल हेल्थ असेसमेंट की जानकारी मोबाइल पर भेज दी जाती है।
अमेरिका से मिला म्यूजियम बनाने का आइडिया
डॉ. योगेश ने कहा- इस म्यूजियम का कॉन्सेप्ट बिल्कुल नया है। मैं बड़ौदा आया और SSG अस्पताल में नौकरी कर ली। इसके बाद जब मैं अमेरिका गया तो वहां हाउस ऑन रॉक्स नाम का म्यूजियम था। वहां एक शख्स ने अपना म्यूजियम बनाया था, जिसमें कई तरह की चीजें थीं।
मैंने सोचा यदि एक शख्स इतनी सारी चीजों का म्यूजियम बना सकता है, तो एक डेंटिस्ट होकर हम डेंटल प्रोडक्ट्स का म्यूजियम क्यों नहीं बना सकते। वो भी इस तरह से कि लोग यहां आएं और अपने दांतों की समस्याओं के बारे में जानकारी लें।
डॉ. योगेश ने बताया कि 2013 में मुझे इसका आइडिया आया और 2016 तक भारत और एशिया का पहला डेंटल म्यूजियम बन गया। मुझे इसके लिए नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड मिले। मैंने टूथब्रश कलेक्शन करना शुरू किया क्योंकि टूथब्रश ऐसी चीज है जो लोगों के हाथ में होती है।
म्यूजियम में कलेक्शन बढ़ रहा है
डॉ. योगेश ने बताया कि पहले म्यूजियम में 500 टूथब्रश थे लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़ने लगे। म्यूजियम में शुरुआत में टूथब्रश, टूथपेस्ट, माउथवॉश, डेंटल केयर से जुड़े पुराने हेल्थ इंस्ट्रूमेंट्स, एडवरटाइजमेंट, डेंटल चेयर्स जैसे 2 से 3 हजार चीजों का कलेक्शन था। इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है।
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