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मुंबई. विवेक ओबेरॉय ने राम गोपाल वर्मा की 2002 की फ़िल्म कंपनी से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. विवेक के पिता सुरेश ओबेरॉय उन्हें अपनी फिल्म में लॉन्च करने के लिए तैयार थे. हालांकि, विवेक ने फिल्म छोड़ दी क्योंकि वह अपनी क्षमता और काबिलियत के आधार पर एक्टिंग में डेब्यू करना चाहते थे. हालांकि विवेक ने ‘कंपनी’ के जरिए बॉलीवुड में सक्सेसफुल कदम रखा. लेकिन उन्हें शुरुआत में रिजेक्ट कर दिया गया था. फिर 3 हफ्ते तक वह एक झुग्गी में रहे. इसका किराया दिया और फिर दोबारा राम गोपाल वर्मा से मुलाकात की.

विवेक ओबेरॉय ने स्क्रीन को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं मिस्टर वर्मा से मिलने गया, उन्होंने मेरी तस्वीरें देखीं और मुझे सीधे रिजेक्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं टैलेंटेड दिखता हूं, लेकिन मैं बहुत ज़्यादा पॉलिश और पढ़ा-लिखा हूं, इसलिए मैं इस स्लमडॉग चंदू (कंपनी का किरदार) के लिए फ़िट नहीं हूं. मैंने उनसे बस एक मुलाक़ात करने के लिए कहा और उन्होंने कहा कि क्यों, मुझे पता है कि तुम इस किरदार के लिए फ़िट नहीं होगे.”

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हालांकि, राम गोपाल वर्मा ने विवेक को एक और मौका देने का फैसला किया. विवेक ने कहा, “वह 3 हफ्ते के लिए ट्रिप पर जा रहे थे, इसलिए उन्होंने कहा कि वह उसके बाद मुझसे मिलेंगे. उनके ऑफिस से मैं घर नहीं गया, मैं सीधे पास की एक झुग्गी में गया, वहां एक कमरा लिया, किराया चुकाया और उसमें रहने लगा. मैं वहां 3 हफ्ते तक रहा और एक डिक्टाफोन खरीदा, और मैं वहां लड़कों की बातचीत को रिकॉर्ड करने लगा.”

विवेक ओबेरॉय ने स्लम में रहकर बारीकियां सीखीं

विवेक ओबेरॉय ने कहा, “मैंने बारीकियों को समझना शुरू कर दिया. मैंने एक स्ट्रगलर फोटोग्राफर एक स्ट्रगलर एक्टर की मदद करने और कुछ तस्वीरें लेने के लिए बुलाया. मैंने उससे कहा कि अगर मैं सफल हो गया, तो वह मेरे द्वारा दिखाए जाने वाले पहले कवर को शूट करेगा. आखिरकार मुझे मिस्टर वर्मा से मिलने का मौका मिला. मैं किरदार के कपड़े पहनकर वहां पहुंचा, उम्मीद थी कि वह मेरा ऑडिशन लेंगे.”

राम गोपाल वर्मा को ऐसे किया इम्प्रेस

विवेक ओबेरॉय ने आगे कहा, “मैंने चप्पल, खराब फिटिंग वाली पैंट, फटा हुआ बरगद पहना और अंदर चला गया. दरवाजे पर, मैंने एक बीड़ी जलाई और दरवाज़ा लात मारकर खोला. मैं स्वैग के साथ अंदर गया, कुर्सी खींची और बैठ गया. मैंने उन्हें घूरकर देखा और अपनी तस्वीरें उनकी मेज पर फेंक दीं ताकि वह देख सके. फिर वह उठे और मुझसे कहा कि मैं फिल्म कर रहा हूं.”

Tags: Ram Gopal Varma, Vivek oberoi

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