अयोध्या : 6 दिसंबर साल 1992 को भारत के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जा सकता. अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को लाखों की संख्या में पहुंचे कारसेवकों ने गिरा दिया था. इस घटना के आज 32 साल पूरे हो गए है. 2019 से पहले हिंदू पक्ष इस दिन शौर्य दिवस मनाता था. आज अयोध्या में कहीं भी शौर्य दिवस तो नहीं मनाया गया लेकिन राम नगरी के संतों ने फिर हुंकार भरी है. वजह है बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हिंसा.
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. यूनुस सरकार के तमाम दावों के बीच हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि 25 अक्टूबर को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने की घटना के बाद से हिंसा भड़क गई है. साथ ही देशद्रोह के आरोप में पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर संत समाज ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस दौरान संत समाज ने हनुमान जी से हिंदुओं की रक्षा की प्रार्थना की है. साथ ही बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला जलाया.
परमहंस आचार्य ने दी चेतावनी
तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि आज 6 दिसंबर यानि शौर्य दिवस है. आज का दिन न्याय दिवस है. बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को लाखों की संख्या में पहुंचे कारसेवकों ने गिरा दिया था. बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर इस समय जिस तरह की बर्बरता की जा रही है. हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है. आज हम लोगों ने हनुमान जी से प्रार्थना की है. अगर बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हिंसा नहीं रोकी गई तो बाकी मुस्लिम जिहादियों को धूल में मिला दिया जाएगा.
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