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शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच से पहले खनौरी बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग शुरू हो गई है। यदि हालात बिगड़े तो किसान यहां से भी एक्शन ले सकते हैं।

हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर से आज किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे। हालांकि, हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना परमिशन के किसान दिल्ली नहीं जा पाएंगे। अभी तक किसानों को कोई परमिशन नहीं मिली है।

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वहीं, किसानों ने ऐलान कर दिया है कि आज 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना होगा। इसे लेकर हरियाणा और पंजाब पुलिस अलर्ट है। शंभू बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। वहां नए सिरे से बैरिकेडिंग कर दी गई है। जाली, कैमरे और लाउडस्पीकर तक लगा दिए गए हैं।

अंबाला जिले और खनौरी बॉर्डर पर BNS की धारा 163 (पहले धारा 144) लगा दी गई है। ऐसे में अगर यहां पर 5 या 5 से ज्यादा लोग इकट्‌ठे होते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली कूच को लेकर जत्थे की अगुआई करने वाले किसान नेता सुरिंदर सिंह चताला ने आज कहा है कि सुरजीत सिंह और सतनाम सिंह पन्नू के साथ बिल्कुल शांति से जत्थे को आगे बढ़ाएंगे। हम बताएंगे कि एक तरफ भाजपा सरकार है, जो किसानों पर कहर ढा रही है। हम सब्र के साथ सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए आगे बढ़ेंगे।

वहीं, दिल्ली कूच के लिए तैयार किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा है कि हम हर तरह से तैयार हैं। हमारे गुरुओं ने दिल्ली की हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। अपने आप को कौम के लिए समर्पित कर दिया था। आज किसान भी उसी स्थिति में हैं। आज हमारे गुरु साहिब का शहीदी दिवस भी है, तो ऐसे में दिल्ली जाने का आज से अच्छा दिन नहीं हो सकता।

किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए खनौरी बॉर्डर के पास फोर्स तैनात की गई है।

पंधेर बोले- 101 किसान पैदल दिल्ली की तरफ जाएंगे इससे पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर कह चुके हैं कि अंबाला के डिप्टी कमिश्नर (DC) ने भ्रम की स्थिति पूरे देश के सामने रखी है कि 10-15 हजार किसान दिल्ली की तरफ जाएंगे, लेकिन हम पहले ही साफ कर रहे हैं क सिर्फ 101 किसान पैदल दिल्ली की तरफ जाएंगे। इसकी लिस्ट भी मीडिया के सामने सार्वजनिक की गई है।

पहले भी हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार कहती रही है कि किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों को मॉडिफाइड करके आगे बढ़ते हैं। बिना इनके आगे बढ़ें तो जाने दिया जा सकता है। हम बोल रहे हैं कि हमारे पास कुछ नहीं होगा, सिर्फ झंडा और जरूरी चीजें होंगी।

पंधेर ने कहा कि पहले यह बोला गया कि खाप इनका विरोध करती हैं, लेकिन पूरी दुनिया में साफ हो गया कि खाप, व्यापारी किसानों का समर्थन करते हैं। सभी जानते हैं कि किसान आगे बढ़ेंगे तो बॉर्डर खुलेगा, लेकिन हरियाणा सरकार बॉर्डर नहीं खुलने दे रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदर्शन कल भी शांतिपूर्ण था और आगे भी रहेगा।

मोर्चे को कमजोर नहीं करेंगे किसानों ने फिलहाल दो जगहों पर मोर्चा लगाया हुआ है एक शंभू बॉर्डर और दूसरा खनौरी बॉर्डर। खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। आज उनकी भूख हड़ताल का 11वां दिन है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया है कि किसान यहां से आगे नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले IG हिसार ने हरियाणा के तीस गांवों के सरपंचों से मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसान आगे जाते हैं, तो उनका विरोध किया जाए, लेकिन लोग उनकी बातों में नहीं आएं।

दो दिन पहले चस्पा किए थे आदेश किसानों के दिल्ली कूच से 2 दिन पहले 4 दिसंबर को अंबाला प्रशासन ने शंभू बॉर्डर पर नोटिस चिपका दिए थे। उसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रदर्शन या आंदोलन के लिए दिल्ली पुलिस की मंजूरी जरूरी है। मंजूरी हो तो अंबाला DC के ऑफिस को बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं।

किसानों को दिल्ली कूच की मंजूरी मुश्किल किसानों को दिल्ली कूच की परमिशन मिलनी मुश्किल है। दरअसल, 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पानीपत में कार्यक्रम है। किसानों ने दिन में 8 घंटे चलने का जो शेड्यूल बनाया है, उसके हिसाब से 3 दिन में वह पानीपत ही पहुंचेंगे। हरियाणा सरकार को लग रहा है कि ऐसे में PM की सिक्योरिटी को लेकर चिंता हो सकती है।

इसी वजह से सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। CM नायब सैनी खुद पूरे मामले को लीड कर रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि हरियाणा सरकार किसानों के पैदल भी दिल्ली कूच को अनुमति न दे।

इससे पहले किसान 3 कानून रद्द करवा चुके इस साल फरवरी में शुरू हुए आंदोलन से पहले किसान 2021 में 3 कृषि कानून रद्द करवा चुके हैं। 17 सितंबर 2020 को लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर देश के इतिहास का सबसे लंबा किसान आंदोलन शुरू हुआ था। पंजाब से सुलगी आंदोलन की चिंगारी पूरे देश में फैल गई थी।

हजारों किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ अभियान के हिस्से के रूप में कानून को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग की और दिल्ली कूच किया था। पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों के किसानों ने 378 दिन तक दिल्ली की घेराबंदी की हुई थी।

19 नवंबर 2021 को किया था कानून वापसी का ऐलान इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर 19 नवंबर 2021 को अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापन लेने का ऐलान किया था। संसद में कानून वापस लेने के बाद 1 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस पर अंतिम मुहर लगाई।

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हरियाणा पुलिस बोली- किसान दिल्ली कूच न करें

किसानों के दिल्ली कूच पहले हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने धारा 163 (पहले धारा 144) के नोटिस चिपकाए। ये नोटिस अंबाला के डिप्टी कमिश्नर ऑफिस की तरफ से जारी किया गया। जिसमें लिखा कि किसान दिल्ली पुलिस से परमिशन मिलने के बाद ही आगामी कार्यवाही करें, नहीं तो इस कार्यक्रम को स्थगित करें। पूरी खबर पढ़ें…

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