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Millets Business Idea: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड झंझरी ग्राम पंचायत बूढ़ा देवरा की हाई स्कूल पास एक महिला मोटे अनाज का बिजनेस कर खूब कमाई कर रही है. लोकल 18 से बातचीत के दौरान समीना बताती हैं कि स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के बाद उन्होंने मोटे अनाज को चुना. क्योंकि मोटा अनाज धीरे-धीरे लुप्त हो रहा था. सरकार की भी मानना है कि मोटे अनाज को फिर से वापस लाया जाए.

मोटे अनाज का बिजनेस
समीना की यह कहानी न केवल महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थानीय संसाधनों के उपयोग की भी प्रेरणा है. मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी आदि स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं और उनकी मांग अब शहरों में भी बढ़ रही है. सरकार द्वारा मोटे अनाज को बढ़ावा देने की नीतियों और स्वयं सहायता समूहों के समर्थन से ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.

हो रहा है मुनाफा
समीना का बिजनेस मॉडल यह दर्शाता है कि अगर सही योजना और समर्थन मिले, तो परंपरागत खेती को पुनर्जीवित कर आर्थिक उन्नति की जा सकती है. इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

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सालाना कितने का है टर्नओवर
उन्होंने बताया कि मोटे अनाज से हमारा सालाना का टर्नओवर 5 से 6 लाख रुपए का हो रहा है. कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए शुरुआती दौर में काफी दिक्कत तो का सामना करना पड़ता है. ऐसा समीना के साथ भी हुआ. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मोटे अनाज के बिजनेस के लिए समीना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मानित कर चुके हैं.

कब से कर रही हैं मोटे अनाज का बिजनेस
समीना बताती हैं कि वो पिछले 3 साल से मोटे अनाज का बिजनेस कर रहे हैं और 10 से 12 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा फैमिली में सपोर्ट उनके हस्बैंड ने किया, जिस वजह से वो इस मुकाम पर पहुंच पाईं हैं.

Tags: Gonda news, Local18

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