गुजरात के एक कार्यक्रम में सोने की पगड़ी पहनता हुआ कंपनी का सीईओ भूपेंद्र सिंह झाला। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी का कार्यकर्ता बना था।
क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमें (सीआईडी) ने गुरुवार को गुजरात के BZ Financial Services और BZ Group के कई ऑफिसों पर छापेमारी की। बीजे ग्रुप पर करीब 6000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। कंपनी ने अधिक ब्याज का वादा कर निवेशकों से ये रकम हड़पी है।
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सीआईडी ने गांधीनगर, अरावली, साबरकांठा, महेसाणा और वडोदरा में रेड की। इस दौरान एक एजेंट समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि कंपनी का CEO भूपेंद्र सिंह झाला फरार है। झाला पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। भूपेंद्र झाला गुजरात बीजेपी का कार्यकर्ता है। आइए जानते हैं कि किस तरह महज 30 साल के भूपेंद्र ने 6 हजार करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया…
3% से 30% तक के ब्याज का लालच देती थी भूपेंद्र की कंपनी
BZ Financial Services और BZ Group का सीईओ भूपेंद्र सिंह झाला।
सीआईडी की जांच में पता चला है कि कंपनी लोगों को 3% से 30% तक का मासिक ब्याज देने का वादा करती थी और 5 लाख रुपए का निवेश करने पर टीवी या मोबाइल गिफ्ट में देती थी। वहीं, 10 लाख रुपए के निवेश पर गोवा ट्रिप का भी ऑफर देती थी।
प्रारंभिक जांच में दो बैंक अकाउंट्स में 175 करोड़ रुपए के लेनदेन की जानकारी सामने आई है। सीआईडी क्राइम के अधिकारियों का कहना है कि कुछ समय पहले हमें एक गुमनाम आवेदन मिला था। बीजेड फाइनेंशियल सर्विसेज और बीजेड ग्रुप के सीईओ भूपेन्द्रसिंह परबतसिंह झाला ने गुजरात के अलावा राजस्थान में भी ऑफिस खोले थे।
भूपेंद्र सिंह झाला के गैरिज में महंगी कारों का काफिला।
नामांकन के दौरान किया था शक्ति प्रदर्शन भूपेन्द्र सिंह पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आया था। भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर भूपेंद्र ने साबरकांठा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था। हालांकि, एन वक्त पर अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। नेता बनने के लिए भूपेंद्र पिछले काफी समय से सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा था। गरीब लोगों की मदद के लिए मंदिर में जमकर दान भी देता था।
इतना ही नहीं, उसने गरीबों के लिए छोटे घर बनवाने भी शुरू कर दिए थे। इस तरह स्थानीय स्तर पर उनका वर्चस्व बढ़ता जा रहा था। स्थानीय स्तर पर मिले समर्थन के चलते उसने निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में पर्चा भरा था। पर्चा दाखिल करने जाते समय शक्ति प्रदर्शन भी किया था। रैली में भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे। भूपेंद्र की प्रसिद्धि देखकर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को भी हारने का डर सताने लगा था।
हिम्मतनगर में भूपेंद्र झाला की कंपनी का ऑफिस।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- मेरे कहने पर भूपेंद्र ने फॉर्म वापस लिया लोकसभा चुनाव के दौरान अरावली के मोडासा स्थित स्वामीनारायण मंदिर में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में भूपेंद्र झाला को भी आमंत्रित किया गया था। बैठक में नीचे सोफे पर बैठे भूपेंद्र को मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया गया था। इस बीच बैठक में एक नेता ने यह भी कहा था कि मेरे कहने पर भूपेंद्र ने फॉर्म वापस लिया है। ऐसे में अगर इस मामले की गहराई से जांच की जाए तो संभावना है कि इस बड़े फ्रॉड में कई राजनीतिक दिग्गजों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है।
भूपेंद्र के अलग-अलग बैंकों में 9 अकाउंट अप्रैल 2024 में दायर हलफनामे के अनुसार, झालानगर स्थित एक आलीशान बंगले में रहने वाले भूपेंद्र सिंह झाला के परिवार में पिता परबत सिंह और मां मधुबेन हैं। आलीशान बंगले के बाहर आलीशान कारें खड़ी नजर आ रही हैं। जांच में पता चला है कि दो साल में 10 एकड़ जमीन खरीदने वाले आरोपी भूपेंद्र के अलग-अलग बैंकों में 9 अकाउंट हैं। जबकि पिता परबतसिंह के नाम पर 3 बैंक खाते हैं। लेकिन मां के नाम पर कोई बैंक खाता नहीं है।
हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक भूपेंद्र ने अपने नाम से शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं किया है। पिता के नाम पर एक आर्टिंगा और एक स्कॉर्पियो कार है। आरोपी ने बताया कि उसके पास सिर्फ 47 ग्राम सोना है, पिता के पास 40 ग्राम और मां के पास 25 ग्राम सोना है। हालांकि, हलफनामें में भूपेंद्र ने जानकारी दी है कि 2021 से 2023 तक हिम्मतनगर और मोडासा के महादेवपुरा, गामड़ी, अदपोदरा, साजापुर और साकरिया गांवों में उसने 10 एकड़ जमीन खरीदी है।
सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाते थे एजेंट्स सीआईडी के एडीजीपी राजकुमार पांडियन ने बताया कि भूपेंद्र की कंपनी के एजेंट्स को खासतौर पर रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाने के लिए ट्रेंड किया गया था। शुरुआत में निवेश पर अच्छा रिटर्न देकर लोगों का विश्वास जीता जाता था और फिर बाद में उनकी बड़ी रकम हड़प ली जाती थी। इतना ही नहीं, एजेंट्स को सैलरी के अलावा 5% से 25% तक कमीशन भी दिया जाता था।
दुबई और गिफ्ट सिटी में ऑफिस खोलने की थी योजना डीवायएसपी अश्विन पटेल ने बताया कि सीआईडी ने इस मामले में गांधीनगर से लेकर वडोदरा तक सात स्थानों पर छापेमारी की है। इस दौरान करीब 20 लाख रुपए, 338 फॉर्म, सर्टिफिकेट, एग्रीमेंट, चेकबुक, लैपटॉप और मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। कंपनी कैश और चेक दोनों तरीकों से पैसे जमा करवाती थी।
उन्होंने आगे बताया कि फंड की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी से आया है। भूपेंद्र सिंह झाला का कारोबार इतना फल-फूल चुका था कि उसने कुछ समय पहले ही गुजरात के आणंद में भी एक ब्रांच खोली थी और अब वह दुबई और गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में नया ऑफिस खोलने की तैयारी कर रहा था।
मुंबई के एक कार्यक्रम में बॉलिवुड एक्टर सुनील सूद के साथ भूपेंद्र झाला।
सोनू सूद ने सम्मानित किया था मुंबई में आयोजित बीआईएए बॉलीवुड अवॉर्ड्स कार्यक्रम में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने बीजेड ग्रुप के सीईओ भूपेन्द्र सिंह झाला को पुरस्कार देकर सम्मानित किया था। इस दौरान झाला ने भी सोनू सूद को हस्तनिर्मित कलाकृति गिफ्ट की थी।
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