सुल्तानपुर: आपने सूप का नाम सुना होगा लेकिन हम उस सूप की बात नहीं कर रहे हैं, जिसे खाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. बल्कि हम उस सूप की बात कर रहे हैं, जिसका प्रयोग लोग अनाज को साफ करने के लिए करते हैं. इस सूप को बनाने का काम कर रहे हैं सुल्तानपुर के रहने वाले लवेदी. लवेदी ने अपने पारंपरिक और पारिवारिक व्यवसाय को संजोए रखा है. वह सूप बनाकर हर महीने हजारों रुपए की कमाई कर रहे हैं.
सूप का प्रयोग अनाज साफ में किया जाता है. यह एक आयताकार बर्तन जैसा होता है, जिसके दोनों किनारे ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं. सूप का प्रयोग करने वाला व्यक्ति इसे एक तरह की घूर्णीय गति देता है, जो एक तरह से अपकेन्द्रित्र (सेन्ट्रीफ्यूज) जैसा काम करता है. यही वजह है कि भारी चीजें घूर्णन के केंद्र के पास रह जाती हैं और हल्के अनाज और कूड़ा केंद्र से दूर चले जाते हैं. इससे अनाज साफ हो जाता है.
अनाज साफ करने के लिए किया जाता है सूप का प्रयोग
सूप से अनाज फटकना एक तरह का कला है, जो हर कोई नहीं कर पाता है. यह काम ज्यादातर गांव की महिलाएं करती हैं. पहले हर घर में अनाज फटकने के लिए सूप का ही इस्तेमाल होता था. यह सरपत की सिरकी, बांस की फज्जी और प्लास्टिक के तार से बनाया जाता है.
मार्केट में एक सूप की 50 रुपए कीमत
लोकल 18 से बातचीत के दौरान सुल्तानपुर जिले के दियरा गांव के रहने वाले लवेदी ने बताया कि बाजार में एक सूप की कीमत 50 रुपए है. वह प्रतिदिन 20 से अधिक सूप बनाकर बाजारों में बेचते हैं. इससे उनको अच्छा मुनाफा होता है. लवेदी ने यह काम अपने परिवार से सीखा है. वह पिछले 40 सालों से सूप बनाने का काम कर रहे हैं.
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 13:45 IST
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