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बेंगलुरु में कचरे की समस्या ने शहरवासियों के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर न केवल शहर की सुंदरता को खराब कर रहे थे, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन रहे थे. इस समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने एक ठोस कदम उठाया. चलावाडिपल्या में 12.50 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक ठोस अपशिष्ट उपचार संयंत्र का निर्माण किया गया है. इस संयंत्र का उद्देश्य वैज्ञानिक तरीके से कचरे का उचित निपटान करना है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस यूनिट का उद्घाटन किया, जिसमें मंत्री और नगर निगम बीबीएमपी का भी समर्थन रहा.

स्वचालित मशीनों से कचरे का निस्तारण
इस ठोस अपशिष्ट इकाई में प्रतिदिन 150 से 200 मीट्रिक टन कचरे का प्रसंस्करण किया जाएगा. कचरे का निस्तारण पूरी तरह स्वचालित मशीनों से होगा, जिससे कचरे के संपर्क में आने से होने वाले स्वास्थ्य खतरों में कमी आएगी. इसके अलावा, इस यूनिट में अपशिष्ट से निकलने वाले रस को भी संग्रहित और संसाधित किया जाएगा, जिससे सड़क पर कूड़े की दुर्गंध जैसी समस्याएं खत्म हो जाएंगी.

स्वच्छता और स्वास्थ्य पर जोर
उद्घाटन के अवसर पर मंत्री दिनेश गुंडुराव ने कहा कि स्वच्छता अच्छे स्वास्थ्य का आधार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कचरे को अलग करना और उसका वैज्ञानिक प्रबंधन बेहद जरूरी है. इस नई यूनिट के माध्यम से शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

नगर निगम की बड़ी पहल
बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने बताया कि यह ठोस अपशिष्ट इकाई कोरमंगला में पहले शुरू हुई यूनिट के बाद दूसरी बड़ी पहल है. इससे निगम के 33 कॉम्पेक्टरों पर होने वाले खर्च की बचत होगी. बीटीएम लेआउट में पहले से एक ठोस अपशिष्ट इकाई चालू है, और अब इस नई इकाई ने कचरा प्रबंधन को और बेहतर बना दिया है.

बेंगलुरु की स्वच्छता का नया अध्याय
इस ठोस अपशिष्ट इकाई का उद्घाटन राजधानी में स्वच्छता को एक नई दिशा देगा. यह इकाई न केवल कचरे की समस्या का हल करेगी, बल्कि शहरवासियों को एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी प्रदान करेगी.

Tags: Bengaluru News, Karnataka, Local18, Special Project

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