सुल्तानपुर: सुल्तानपुर में एक ऐसा अन्नपूर्णा माता का मंदिर है, जहां प्रसाद में टिकरी और नारियल चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि टिकरी और नारियल चढ़ाने से मनोकामना पूरी हो जाती है. यहां पर साल भर में एक बार दीपावली से एक दिन पहले भव्य मेला और भंडारे का आयोजन किया जाता है. यह मंदिर लगभग काफी बड़े क्षेत्रफल में बना है. आइए जानते हैं कि आखिर यह मंदिर सुल्तानपुर शहर से कितनी दूर है और इस मंदिर का क्या इतिहास है.
विशेष वृक्ष में छिपा है इतिहास
लोकल 18 से बातचीत के दौरान मंदिर के पुजारी बाबा राम जियावान दास ने बताया कि इस मंदिर प्रांगण में हरसिंगार, पीपल, बरगद और कटहल जैसे अनेक तरह के वृक्ष कई वर्ष पुराने हैं. मंदिर प्रांगण में लगा हरसिंगार और पीपल के वृक्ष की अधिक प्राचीनता के कारण इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व बढ़ जाता है. लगभग 60 वर्ष पुराने इस मंदिर में लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं. ऐसा माना जाता है कि मुख्य पुजारी बाबा सेवादास को इस मंदिर से सिद्धि प्राप्त हुई है.
ऐसे पहुंचे इस मंदिर
अगर आप भी सुल्तानपुर जिले के इस मंदिर में अन्नपूर्णा माता का दर्शन करना चाहते हैं तो आपको सुल्तानपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर परऊपुर रोड से होते हुए अन्नपूर्णा नगर आना होगा. वहीं अन्नपूर्णा नगर में ही इस मंदिर की स्थापना की गई है. इस मंदिर में अन्नपूर्णा माता की मूर्ति के अलावा भगवान शंकर वीर हनुमान और राधा कृष्ण का भी मंदिर और उनकी मूर्ति स्थापित है.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 13:07 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||