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-120 से अधिक बीडीएस छात्र एवं एमडीएस के विद्यार्थियों के साथ दंत विभागों के चिकित्सक हुए शामिल
-कार्यशाला में दंत चिकित्सकों को जाइगोमैटिक इंप्लांटोलॉजी के क्षेत्र में डॉ दिव्य मल्होत्रा ने दी अहम जानकारी

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग द्वारा शनिवार को एक दिवसीय सीडीई एवं कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका विषय ”जाइगोमैटिक इम्प्लांट्स” था। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न डेंटल कॉलेजों के 120 से अधिक बीडीएस छात्र एवं एमडीएस के विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी दंत विभागों के दंत चिकित्सक शामिल थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ दिव्य मल्होत्रा थे। डॉ दिव्य ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सकों में से एक है। डॉ दिव्य ने उन्नत जाइगोमैटिक अवधारणाओं का उपयोग करके जाइगोमैटिक इम्प्लांट पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किये है। उन्होंने जाइगोमैटिक और पेट्रेगॉइड इम्प्लांट के लिए विभिन्न चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित किया है। डॉ दिव्य बायोलाइन इम्प्लांट्स से जुड़े है और स्माइल ट्रेन और हेड एंड नेक कैंसर फाउंडेशन से जुड़े है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वक्ता डॉ दिव्य मल्होत्रा, आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ आरपी चड्ढा के द्वारा माँ सरस्वती के सामने दीप प्रज्वलित करके किया गया।

उद्घाटन समारोह के दौरान संस्थान के डायरेक्टर-प्रिंसिपल, डॉ देवी चरण शेट्टी, ओरल सर्जरी विभाग के एचओडी के साथ-साथ संस्थान के सभी दंत विभागों के एचओडी एवं दंत चिकित्सक भी उपस्थित रहें। इसके बाद डॉ देवी चरण शेट्टी ने सभा को संबोधित करते हुए सभी प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम मे भाग लेने के लिये धन्यवाद दिया। कार्यशाला के दौरान डॉ दिव्य द्वारा जाइगोमैटिक इम्प्लांट्स जैसे महत्वपूर्ण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए, जिसमें उन्होंने इस विषय से जुड़ी नवीनतम प्रक्रियाओं से सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया तथा इसके बारे में तथ्यों पर सभी को पूर्ण जानकारी भी प्रदान की। उन्होंने जाइगोमैटिक इंप्लांटोलॉजी में शामिल सर्जिकल प्रक्रियाओं के साथ-साथ संकेतों और फायदों के बारे मे बताया।

इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य दंत चिकित्सकों को जाइगोमैटिक इंप्लांटोलॉजी के क्षेत्र में ज्ञान बढ़ाना था। जिससे वह भविष्य में मरीजों को उत्तम तकनीक द्वारा बेहतर उपचार प्रदान कर सकें। डॉ दिव्य ने जाइगोमैटिक इंप्लांटोलॉजी स्किल्स को सशक्त बनाने हेतु सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया एवं प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये सभी प्रश्नों के उत्तर भी दिए, जिसके लिये सभी प्रतिभागियों ने उनकी सराहना की। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ क्लीनिकल ज्ञानवर्धक मंच प्रदान करने के लिए सभी ने चेयरमैन डॉ आरपी चड्ढा और वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।




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