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-55 लाख रुपए कीमत की 2.040 किलोग्राम अफीम बरामद
-झारखंड की अफीम दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होनी थी सप्लाई

गाजियाबाद। झारखंड से गाजियाबाद में अफीम तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय तस्कर को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया तस्कर झारखंड से अफीम लेकर गाजियाबाद में सप्लाई के लिए लेकर आया था, मगर सप्लाई से पहले ही क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोच लिया। जिसके कब्जे से 55 लाख कीमत की 2.40 किलोग्राम अफीम बरामद किया गया। जिले में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम तस्करों पर पहाड़ बनकर टूट रही है। क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई से तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है। पिछले कई वर्षों से हो रही लगातार कार्रवाई का परिणाम है कि भले ही तस्कर झारखंड व उडीसा से मादक पदार्थ लेकर अन्य जिलों की टीम को चकमा दे सकते है। लेकिन गाजियाबाद में पहुंचने पर क्राइम ब्रांच की टीम धर-दबोच ले रही है।

लोहिया नगर स्थित अपने कार्यालय में तस्करी की घटना का खुलासा करते हुए एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया रविवार को क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर 80 फुटा कट वजीराबाद रोड शालीमार गार्डन क्षेत्र से झारखंड से तस्करी कर लाई जा रही 2.040 किलोग्राम अफीम सहित 1 अन्तर्राज्यीय तस्कर मनीष यादव पुत्र स्व: जानकी यादव निवासी ग्राम केन्दुआ गिधहोर जिला चतरा झारखंड को गिरफ्तार किया है। बरामद अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 55 लाख रुपये है। एडीसीपी ने बताया पकड़ा गया तस्कर मनीष यादव बीए पास है और कैंटर गाड़ी चलाता है। पूरे दिन ड्राइवरी करने के बाद सिर्फ उसे 350 रुपये मिलते थे। इसी बीच उसकी मुलाकात सकलदेव यादव से हुई जो उसके पडोस के ग्राम का रहने वाला है।

सकलदेव ने उसे बताया कि अफीम को झारखंड राज्य से दिल्ली एनसीआर, हरियाणा व पंजाब में ले जाकर सप्लाई करने पर प्रति चक्कर के 20 हजार रुपये मिलेंगे। जिस पर मनीष यादव तैया हो गया और एक दो बार दुसरे व्यक्ति के साथ बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर, पंजाब व हरियाणा आकर सप्लाई किया। जिसमें उसे 20 हजार रुपये प्रति चक्कर के रूप में मिले। जब लालच बढ़ गया तो मनीष खुद झारखंड से अफीम लाकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व दिल्ली एनसीआर में जाकर करने लगा। उन्होंने बताया जिस जगह से अफीम की उसके पास डिमांड आती थी तो उतना माल लेकर कभी गाड़ी से और कभी बस व ट्रेन द्वारा लेकर पहुंच जाता था।

सप्लाई के दौरान बीच-बीच में वह ट्रेन व बस बदल-बदलकर अलग-अलग रूट से आता था। इस दौरान डिलीवरी देने की जगह व समय पहले ही तय कर लेते थे। जब तक माल की डिलीवरी नहीं हो जाती थी, तब तक अपना मोबाइल बंद रखा था। जिससे कोई उसे ट्रेस न कर सकेंं। इस बार की डिलीवरी उसे गाजियाबाद दिल्ली बॉर्डर पर न्यू सीमापुरी बंगाली बस्ती दिल्ली में टीनू नाम के एक व्यक्ति को देनी थी। मगर सप्लाई से पहले ही तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया। टीम द्वारा मादक पदार्थ के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।

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