प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : फाइल फोटो
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बढ़ते ट्रेन हादसों के मद्देनजर रेल प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली है। किसी भी तरह की साजिश को रोकने के लिए राज्य सरकार के साथ एनआईए से रेल प्रशासन संपर्क में है। वहीं, आपातकालीन स्थितियों का आकलन भी किया जा रहा है। योजना विषम परिस्थितियों में हादसे की भयावहता को सीमित करने की है। इसके लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 16वीं बटालियन की मदद ली गई है। हादसा होने पर आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का बारीकी से मुआयना भी किया गया है। इसके लिए रेलवे यार्ड समेत दूसरे दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में मॉक ड्रिल का भी सहारा लिया है।
हादसों को रोकने और दुर्घटना होने पर उसकी तीव्रता कम करने के लिए रेल प्रशासन चौकन्ना है। इसी कड़ी में एहतियातन तुगलकाबाद रेलवे यार्ड में मालगाड़ी की अचानक टक्कर करवाकर रिस्पांस सिस्टम का आकलन किया। इसमें सबसे पहले यार्ड में प्रवेश करते समय ट्रेन पटरी से उतारी। फिर, कई कोच ट्रैक पर पलट गए। इसी दौरान पलवल की तरफ तेज रफ्तार से जा रही मालगाड़ी से भी टक्कर हो गई। भीषण टक्कर में ट्रेन का एक कोच दूसरे कोच के ऊपर चढ़ गया और कई यात्रियों के घायल होने की सूचना भी आला अधिकारियों को दी गई।
आनन-फानन में रेलवे कंट्रोल कार्यालय ने तत्काल स्व-चालित दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन, दुर्घटना राहत ट्रेन, रेलवे सुरक्षा बल, रेलवे अस्पताल और राजकीय रेलवे पुलिस, एनडीआरएफ और सिविल प्राधिकारियों के संबंधित अधिकारियों को दुर्घटना स्थल पर पहुंचने का निर्देश दे दिया। प्रत्येक विभाग की संबंधित टीम, रेलवे सिविल डिफेंस, अग्निशमन विभाग और रेलवे व स्थानीय अस्पतालों के डॉक्टर घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके लिए एक मिनी कंट्रोल रूम भी बनाया गया। आखिर में रेलवे प्रशासन को सारा सिस्टम दुरुस्त मिला।
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