-इंदिरापुरम पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारकर किया भंडाफोड़
-20 लाख की दवाई समेत दो चचेरे भाई गिरफ्तार, सरगना फरार
गाजियाबाद। नशीली दवाओं का ऑनलाइन कारोबार करने वाले गिरोह का इंदिरापुरम पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर 20 लाख रुपये कीमत की दवाएं बरामद की है। वहीं पुलिस गिरोह के सरगना की तलाश कर रही है। पकड़े गए आरोपी नशीली दवाओं की सप्लाई कोरियर के माध्यम से दिल्ली-एनसीआर के साथ विभिन्न राज्यों और अफ्रीकी देशों में करते थे। देर रात इंदिरापुरम पुलिस और औषधि विभाग की टीम ने वसुंधरा स्थित एक मकान पर छापा मारा था, जहां से करीब 20 लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद की गई। मौके से सात मोबाइल, दो कंप्यूटर और प्रिंटर भी बरामद किया गया। बुधवार को इंदिरापुरम थाना में एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि मंगलवार देर रात इंदिरापुरम पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने वसुंधरा स्थित एक मकान में छापा मारा था। जहां ये ऑनलाइन दवाओं की सप्लाई करने वाले जोगिंद्र सिंह निवासी क्रॉसिंग रिपब्लिक और अंकुश गोयल निवासी पूर्वी दिल्ली को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सरगना संदीप गोयल फरार है।
संदीप और अंकुश चचेरे भाई हैं। वह छह साल से कारोबार कर रहा है। बरामद की गई दवाएं ऐसी हैं जो चिकित्सीय परामर्श के बगैर कहीं से भी नहीं खरीदी जा सकतीं। मगर यह गिरोह बिना चिकित्सीय परामर्श के ऑनलाइन इन दवाओं की सप्लाई कर रहे थे। दवाओं की भारत के साथ अफ्रीकी देशों में भी सप्लाई की जा रही थी। ज्यादातर ग्राहक उधर के ही थे। गिरोह एक साल में लगभग एक करोड़ रुपये की दवाएं बेच देता है। वसुंधरा में उन्होंने दो साल पहले काम शुरू किया था। इससे पहले दिल्ली से कारोबार कर रहे थे। सोशल मीडिया के माध्यम से गिरोह के सदस्य ग्राहकों से संपर्क करते थे। ऑनलाइन हेल्थ कार्ट डॉट इन नाम से खुद की वेबसाइट बनाई हुई है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह दवाइयां गाजियाबाद की सबसे बड़ी दवा मार्केट नई बस्ती के एक दुकानदार के अलावा वसुंधरा से खरीदते थे। इसके लिए उन्होंने एक फर्म भी बनाकर जीएसटी नंबर लिया है। बिना लाइसेंस दवाइयां बेचने वाले व्यापारियों की भी पुलिस पहचान कर रही। आरोपियों के कंप्यूटर से कुछ ग्राहकों के बारे में पता चला है। दवा खरीदने वाले ग्राहकों की जानकारी एकत्र कर उनसे पूछताछ की जाएगी। पुलिस के अनुसार, नशा और दर्द निवारक कुछ दवाएं ऐसी हैं, जिन्हें चिकित्सक के परामर्श बाद ही खरीदा जा सकता है। आरोपी से लाइसेंस मांगा गया तो वह नहीं दिखा पाए।
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