गाजियाबाद। कृषि कानून पर सांसद कंगना रनौत का बयान बीजेपी को असहज स्थिति में डाल सकता है। उन्होंने वापस लिये कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया। सांसद द्वारा बार-बार कुछ अटपटे बयान देने से एनडीए सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इसका असर अगामी होने वाले विधानसभा उपचुनाव में पड़ सकता है। राष्ट्रीय लोकदल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (माइनॉरिटी) इन्द्रजीत सिंह टीटू ने कहा प्रधानमंत्री जी हिमाचल की जनता ने आप पर विश्वास करते हुए कंगना रनौत को आपकी पार्टी का सांसद चुना है। सांसद को भी प्रयास करना चाहिए कि अपने क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान दें और वहां की जनता के लिए कुछ अच्छा करें, न कि किसी भी की तरह की बयानबाजी करें, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो। उन्होंने कहा जब से कंगना रनौत सांसद बनी है तब से अपने बयानों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। और उससे एनडीए सरकार की छवि पर असर हो रहा है और बड़े नेताओं द्वारा बार-बार उनको मना किया जा रहा है कि इस तरह की बयानबाजी न करें। एक बार फिर से कंगना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि किसान आंदोलन के जरिए भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी थी। उन्होंने कहा, जो बांग्लादेश में हुआ है वो यहां (भारत) होते हुए भी देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता।
यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे। किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह के षड्यंत्र… आपको क्या लगता है किसानों…? चीन, अमेरिका… इस तरह की विदेशी शक्तियां यहां काम कर रही हैं। उन्होंने वापस लिए गए तीनों कृषि कानून फिर लागू करने की मांग उठाई है। ऐसे बयान से उन किसान परिवारों को बहुत आघात पहुंच रही है जिन्होंने संघर्ष करते हुए प्रधानमंत्री को अपने दर्द को समझाया। प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति दिखाई और कृषि कानून को वापस लेने का काम किया। आंदोलन के दौरान 700 से ऊपर किसान भाइयों की मृत्यु हो गई थी। जिन परिवारों का सदस्य चला गया उन परिवारों के ऊपर ऐसे बयान से क्या बीत रही होगी। जिनके परिवार का सदस्य कृषि कानून को वापस करने के संघर्ष करते हुए आंदोलन में चला गया हो। प्रधानमंत्री जी हम राष्ट्रीय लोकदल एनडीए सरकार में एक सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं।
हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह केंद्रीय मंत्री के रूप में बहुत अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। अपने मंत्रालय का काम देखने के साथ-साथ किसान भाइयों की हर बात को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का निरंतर प्रयास करते रहते हैं। हमारी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल जब से बनी है उस समय से एक ही मिशन है किसान के हित की बात करना सरकार तक किसान भाइयों की पीड़ा को पहुंचकर उसका निवारण करना। हम चाहते हैं की कंगन जी द्वारा कोई भी ऐसा बयान जारी न किया जाए। जिससे किसान के परिवार को आघात पहुंचे। हरियाणा में चुनाव हो रहे हैं वहां बहुत बड़ी संख्या में परिवार कृषि से जुड़े हुए हैं। ऐसे समय में इस तरीके का बयान देना सरकार के लिए उचित नहीं होगा।
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