AIIMS
– फोटो : ANI
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देश में सर्जरी की गुणवत्ता सुधारने और संख्या बढ़ाने के लिए एम्स एडवांस रोबोटिक सर्जन तैयार करेगा। इसके लिए एम्स ने अमेरिकी संस्था इंट्यूटिव के साथ समझौता किया है। करार के तहत इंट्यूटिव एम्स में एक माह के अंदर सर्जिकल रोबोटिक्स प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। केंद्र में डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी।
विशेषज्ञों के अनुसार अब तक डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश जाना पड़ता था। सेंटर बनने के बाद इस ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं रहेगी। इस सेंटर में एम्स के अलावा दूसरे अस्पतालों के डॉक्टर भी यहां ट्रेनिंग ले सकेंगे।
एम्स की माने तो संस्थान में रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग देने के लिए यह तीसरा प्लेटफार्म है। इससे पहले दो अन्य प्लेटफार्म बन चुके हैं। इन प्लेटफार्म में करीब 200 डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग दी गई है। ट्रेनिंग लेने वालों में करीब 100 डॉक्टर एम्स से हैं। डॉक्टरों का कहना है कि एम्स में पहले से मेडट्रॉनिक्स और स्वदेशी मंत्रा का प्लेटफार्म है।
मरीजों की रिकवरी होगी तेज
सामान्य सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीके बंसल ने कहा कि रोबोट से सर्जरी होने पर मरीज की रिकवरी तेज होती है। इसमें मरीज को बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती। जरूरत के आधार पर छोटे छेद या दूसरे तरीकों को उपकरण शरीर में ले जाया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज जल्द काम पर लौट सकता है। उन्होंने कहा कि इंट्यूटिव के साथ हुए समझौते के बाद सर्जन व डॉक्टरों को गायनोकॉलोजिस्ट, यूरोलाॅजी, सामान्य सर्जरी, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक, कार्डियोथोरेसिक, न्यूरोसर्जरी सहित दूसरे विभाग से जुड़े रोग की रोबोट की मदद से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी।
विभाग को जल्द मिलेगा अपना रोबोट
सामान्य सर्जरी विभाग को जल्द अपना रोबोट मिलेगा। विभाग में रोबोट आने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि अगले माह यह लग जाएगा। डॉ. बंसल का कहना है कि सर्जन निर्णय करेंगे किन मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी जरूरी है। मौजूदा समय एम्स में रोजाना करीब एक सर्जरी रोबोट से हो रही है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले एक से डेढ़ साल में इनकी संख्या बढ़ेगी।
नई तकनीक से सुविधा होगी बेहतर
एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि जटिल सर्जरी में रोबोटिक-सहायता प्राप्त सर्जरी की मांग बढ़ रही है। इसमें तकनीकों की मदद से सर्जरी की गुणवत्ता बेहतर होगी। इनसे सर्जिकल सटीकता में सुधार, रिकवरी में तेजी, बेहतर रोगी परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एम्स के पास अनुभवी रोबोटिक सर्जनों का एक समूह है जो देश भर में नए सर्जनों को सलाह देंगे और प्रशिक्षित करेंगे। यह केंद्र पूरे भारत में सर्जिकल कौशल को आगे बढ़ाने और रोगी देखभाल मानकों को बेहतर बनाने में भूमिका निभाएगा।
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