कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को पहुंचा रहा लाभ
कृषि प्रसार वैज्ञानिक राघवेंद्र विक्रम सिंह लोकल18 से बातचीत में बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र पर नई-नई प्रजातियों के बीज, फल सब्जियां एवं विभिन्न प्रकार के पौधों की नई प्रजातियां किसानों को उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही कृषि संबंधित नई तकनीक का परीक्षण करने के बाद किसानों को उपलब्ध कराई जाती है.
किसानों को किया जाता है प्रशिक्षित
वहीं, दूसरी तरफ यहां पर किसानों को कई क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने का भी कार्य किया जाता है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कई क्षेत्रों में दिया जाता है. जैसे महिला वैज्ञानिकों द्वारा पकवान रहन-सहन सिलाई पोषण से संबंधित प्रशिक्षण दिए जाते हैं. इकोनॉमिक्स सस्य विज्ञान के बारे में भी जानकारी दी जाती है. कीट वैज्ञानिक कीटों के एवं फसलों में होने वाले रोग तथा उनके निवारण के बारे में जानकारी देने के साथ ही साथ मशरूम एवं बी फार्मिंग के बारे में भी जानकारी दी जाती है.
पशुपालन और मछली पालन की भी मिलेगी जानकारी
साथ ही दूसरी तरफ उद्यान वैज्ञानिक फल और सब्जियों के बारे में किसानों को जानकारियां उपलब्ध करवाते हैं. जहां पशुपालन के वैज्ञानिक पशुपालन, मछली पालन संबंधित जो भी जानकारी है, किसानों को उपलब्ध करवाते हैं. प्रसार वैज्ञानिक समसामयिक चर्चाओं एवं उन्नत जानकारी किसानों को उपलब्ध करवाते हैं.
वैज्ञानिक राघवेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि यहां पर अन्य विभाग भी हैं. जैसे गन्ना विभाग, रेशम विभाग, कृषि विभाग उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षित करने का काम किया जाता है.
जानें कृषि विज्ञान केंद्र का उद्देश्य
वैज्ञानिक बताते हैं कि केंद्र का मुख्य कार्य किसानों को उन्नतशील बीज उपलब्ध करवाना, नई तकनीकियों की जानकारी देना होता है. उन्होंने बताया कि यदि कोई पौधा अन्य प्रदेश या अन्य देशों से आता है, तो उसे पर 2 सालों तक जनपद के जलवायु के अनुरूप ट्रायल किया जाता है. यदि वह सक्सेस होता है, तो फिर कृषि विभाग को इन उन्नत बीजों एवं नई तकनीक के बारे में किसानों को प्रयोग करने की सलाह दी जाती है.
कृषि विज्ञान केंद्र जानें क्यों है चर्चाओं में
कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती 2019 में उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर चुना गया था. वहीं, 2021 में देश के तीसरे स्थान पर चुना गया. कृषि प्रसार वैज्ञानिक राघवेंद्र विक्रम सिंह बताते हैं कि यह नेशनल लेवल का केंद्र है. यहां पर 13 आमों की प्रजातियां ऐसी पाई जाती हैं, जो अलग-अलग कलर की हैं.
Tags: Agriculture, Basti news, Local18, UP news
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