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लखीमपुर: यूपी के लखीमपुर जिले के हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव मूड़ा अस्सी, मूड़ा जवाहर, इमलिया, अजान और घरथनिया गांवों में दहशत का पर्याय बना बाघ वन विभाग की पकड़ से अभी दूर है. बाघ की लोकेशन पता करने के लिए गन्ने के खेतों में थर्मल ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.

थर्मल ड्रोन की मदद से बाघ की तलाश
थर्मल ड्रोन कैमरे की मदद से गन्ने के खेतों में डेरा बनाए हुए बाघ की लोकेशन का पता लगाने के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही है, परंतु अब तक सफलता हाथ नहीं लग पाई है.

ग्रामीणों में खौफ और वन विभाग के प्रयास
40 से अधिक गांवों में बाघ का खौफ है, जिसके कारण ग्रामीण अपने खेतों की ओर नहीं जा पा रहे हैं. वनकर्मियों की टीम 23 दिनों से कांबिंग कर रही है, लेकिन सफलता न मिलने पर अब गन्ने के खेतों में थर्मल ड्रोन उड़ाकर बाघ का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. यह ड्रोन कैमरा गन्ने के अंदर की तस्वीरें कैद करने की क्षमता रखता है. इसी वजह से वन विभाग की टीम ने थर्मल ड्रोन की मदद ली है.

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बाघ की लोकेशन बदलने से चुनौती बढ़ी
बाघ लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. 24 दिनों में बाघ दो लोगों को मौत के घाट उतार चुका है. वन विभाग की टीम ने गन्ने के खेतों में मचान बनाकर डेरा डाला हुआ है और लगातार बाघ की लोकेशन का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग जागरूकता अभियान पर जोर दे रहा है. जंगल की तुलना में गन्ने के खेतों में बाघ को बेहोश कर पकड़ना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

Tags: Lakhimpur News, Local18, UP news

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