तिरुपति बालाजी का मंदिर कहां है?
तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश केचित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है. इसे रहस्यमयी मंदिरों में से एक माना जाता है.
क्या यहां मूर्ति को पसीना आता है?
ऐसी मान्यता है कि बालाजी की प्रतिमा को पसीना आता है. इन पसीने की बूंदों को स्पष्ट देखा जा सकता है. इस मंदिर में लगी मूर्ति विशेष प्रकार के पत्थर से बनी है. कहा जाता है कि इस प्रतिमा को कितना भी साफ किया जाए वहां गीलापन रहता ही है.
बालाजी को स्त्री और पुरुष दोनों का वस्त्र क्यों पहनाया जाता है ?
ऐसी मान्यता है कि भगवान के इस रूप में मां लक्ष्मी भी वास करती हैं, इसलिए भगवान बालाजी को स्त्री व पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परंपरा है. भगवान को प्रतिदिन ऊपर साड़ी और नीचे धोती से सजाया जाता है.
भगवान विष्णु ने किस कुंड के किनारे वास किया था?
ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में भगवान विष्णु ने कुछ समय के लिए यहां के एक कुंड के किनारे वास किया था. यह कुंड तिरुमला में है और इसे स्वामी पुष्करणी कुंड के नाम से जाना जाता है. आज भी यह कुंड है और मंदिर के सभी काम इसी कुड के जल से किए जाते हैं.
क्या है बालाजी के बालों का रहस्य?
यहां भगवान तिरुपति बालाजी के सिर के बाल को लेकर भी रहस्य है कहा जाता है कि बालाजी को सिर के बाल असली हैं, जो कभी उलझते नहीं है और हमेशा मुलायम बने रहते हैं. हालांकि आज तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया.
मूर्ति के भीतर से आती है कैसी आवाज?
बालाजी मंदिर में विराजमान भगवान वेंकेटश्वर की प्रतिमा से आने वाली आवाज भी रहस्यमयी है. कहा जाता है कि अगर प्रतिमा पर कान लगाकर सुनने पर उसमें से समुद्र की लहरों जैसी ध्वनि सुनाई देती है. यह आवाज किसकी और कहां से आती है इसको लेकर भी रहस्य है.
हृदय में दिखती है कैसी आकृति?
तिरुपति बालाजी के मंदिर में लगी भगवान वेकेंटेश्वर की प्रतिमा को लेकर एक रहस्य और है यहां कहा जाता है कि हर गुरुवार को जब बालाजी का श्रृंगार हटाया जाता है और स्नान कराके चंदन का लेप हटाने पर भगवान के हृदय में मां लक्ष्मी की आकृति नजर आती है.
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