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शराब माफिया का सिंडिकेट तोड़ने के बाद बाहरी माफिया के खिलाफ आबकारी विभाग ने बनाई रणनीति, नियमों क उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं को भी सबक सिखा रहे है। जिसके लिए खुद सरकारी कामकाज के बीच में दुकानों का औचक निरीक्षण करने निकल पड़ते है। इन सबके बीच आबकारी अधिकारी ने शराब विक्रेताओं की सुरक्षा के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। अभी तक अधिकारी सिर्फ शराब विक्रेताओं पर कार्रवाई करते थे। लेकिन उस परंपरा के बीच उन्होंने एक नई परंपरा की शुरुआत की है। जिसमें आबकारी निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए है कि दुकानों का निरीक्षण करने के साथ शराब विक्रेताओं के साथ बदसलूकी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। दुकानों पर जब विक्रेता ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो आबकारी विभाग का राजस्व कहां से प्राप्त होगा। हालांकि आबकारी विभाग शराब माफिया के कई सिंडिकेट को ध्वस्त कर चुका है। 

उदय भूमि
गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब के खिलाफ विशेष प्रवर्तन अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम द्वारा लगातार दबिश एवं चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। ताकि अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जा सके। विभाग द्वारा रोजाना अलग-अलग क्षेत्रों में अभियान चलाकर शराब तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने का काम किया जा रहा है। जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने अवैध शराब का कारोबार करने वालों को सख्त चेतावनी दी है। अभियान के दौरान कच्ची शराब बनाते व बेचते हुए कोई पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभाग ने विशेष टीमें भी गठित की गई है। आबकारी विभाग द्वारा गठित की गई टीमें दिन-रात शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश दे रही है। साथ ही बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए तीन शिफ्टों में 24 घंटे आबकारी विभाग की टीम चेकिंग अभियान चला रहा है। वाहनों की चेकिंग के साथ हाइवे पर खुले ढाबों एवं दुकानों पर पैनी नजर रख रही है। इसके अलावा हाइवे से गुजरने वाले वाहनों की भी सघन चेकिंग की जा रही है। कुछ गांवों के आस-पास के जंगल और हिंडन खादर क्षेत्र में शराब तस्करों के सक्रिय रहने की संभावना रहती है। इसके मद्देनजर यह टीम इन स्थानों को भी खंगाल रही है।

जिले में शराब तस्करों की कमर तोड़ने के लिए आबकारी विभाग की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर है। आबकारी विभाग की सतर्कता की ही नतीजा है कि पिछले कुछ माह से शराब तस्करी के मामलों में कमी आई है और गाजियाबाद के रास्ते बाहरी राज्यों में शराब तस्करी करने वाले माफिया ने भी अपना रास्ता बदल लिया है। भले ही माफिया हरियाणा, पंजाब की शराब को लेकर दिल्ली व अन्य जिलों की पुलिस को चकमा दे सकते है, लेकिन गाजियाबाद अब उनके लिए महफूज नही रह गया है। गाजियाबाद की सीमा में आते ही आबकारी विभाग की टीम अपने अंदाज में उनका स्वागत करने के लिए 24 घंटे तैयार है। जिला आबकारी अधिकारी ने चार्ज संभालने के बाद ही सबसे पहले छोटे तस्कर से लेकर बड़े माफिया की लिस्ट निकाल पर अपनी कार्ययोजना तैयार की और गाजियाबाद में बड़े माफिया तो पूरी तरह से नतमस्तक नजर आ रहे है। मगर हरियाणा, पंजाब से भारी मात्रा में शराब तस्करी करने वाले माफिया आज भी कहीं न कहीं आए दिन जुगत लगा रहे है। आबकारी अधिकारी की कार्रवाई का इसे खौफ कहां जाए या फिर उनके द्वारा तैयार की रणनीति जिसके चलते शराब माफिया को अब गाजियाबाद में आने से डर लगने लगा है।

आबकारी अधिकारी शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के साथ ही नियमों क उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं को भी सबक सिखा रहे है। जिसके लिए खुद सरकारी कामकाज के बीच में दुकानों का औचक निरीक्षण करने निकल पड़ते है। इन सबके बीच आबकारी अधिकारी ने शराब विक्रेताओं की सुरक्षा के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। अभी तक अधिकारी सिर्फ शराब विक्रेताओं पर कार्रवाई करते थे। लेकिन उस परंपरा के बीच उन्होंने एक नई परंपरा की शुरुआत की है। जिसमें आबकारी निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए है कि दुकानों का निरीक्षण करने के साथ शराब विक्रेताओं के साथ बदसलूकी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। दुकानों पर जब विक्रेता ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो आबकारी विभाग का राजस्व कहां से प्राप्त होगा। हालांकि आबकारी विभाग शराब माफिया के कई सिंडिकेट को ध्वस्त कर चुका है। अगर बात की जाए जिले में शराब तस्करी की तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अवैध शराब के कारोबार को रोक पाने काफी हद तक आबकारी विभाग ने सफलता हासिल की है। जिला आबकारी अधिकारी ने इसको रोकने के लिए अफसरों को अपना मुखबिर तंत्र मजबूत करने की हिदायत दी है।

जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम के निर्देशन में बुधवार को आबकारी निरीक्षक डॉ. राकेश त्रिपाठी, हिम्मत सिंह, अखिलेश वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, मनोज शर्मा, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह की टीम द्वारा डासना, दुहाई, खोड़ा, लोनी, आनंद विहार, यूपी बॉर्डर और साहिबाबाद के अलावा दिल्ली बॉर्डर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से गुजरने वाले वाहनों की लगातार चेकिंग की जा रही है। जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने बताया जिले में अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन पर पूर्ण रूप से अकुंश लगाने के लिए आबकारी निरीक्षकों द्वारा लगातार क्षेत्रों में दबिश के साथ चेकिंग की जा रही है। शराब माफिया डासना, दुहाई चेक पोस्ट, पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, यूपी बॉर्डर, लोनी बॉर्डर एवं सीमावर्ती क्षेत्रों के माध्यम से गैर जनपदीय शराब ले जाने की फिराक में रहते है। जिस पर अंकुश लगाने के लिए टीम लगातार चेकिंग एवं दबिश की कार्रवाई कर रही है। हर हाल में अवैध शराब की बिक्री को शून्य करना है। माफिया अवैध शराब का कारोबार छोड़ दें, या फिर सलाखों के पीछे जाने का तैयार रहे। जिले में अवैध शराब का कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं टीम द्वारा लाइसेंसी शराब की दुकानों, बार, रेस्टोरेंट की चेकिंग की गई और शराब की दुकानों का निरीक्षण कर गुप्त टेस्ट परचेजिंग के साथ स्टॉक रजिस्टर चेक किया गया।

शराब विक्रेताओं के साथ गुंडई नहीं होगी बर्दाश्त

संजय कुमार प्रथम
जिला आबकारी अधिकारी
गाजियाबाद।

जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के साथ सभी आबकारी निरीक्षकों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए है कि वह शराब की दुकान और उसके आसपास भी लगातार चेकिंग अभियान चलाते रहे। साथ ही दुकानों का निरीक्षण के दौरान शराब विक्रेताओं पर भी नजर रखें और अगर विक्रेता किसी ग्राहक के साथ अभद्र व्यवहार व मारपीट करता है या फिर विक्रेता के साथ ही इस तरह का अगर कार्य हो रहा है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ बिना देरी किए कार्रवाई की जाए। अगर कोई विक्रेता ग्राहकों से अभद्र व्यवहार या फिर ओवर रेटिंग कर रहा है तो इसकी सूचना आबकारी विभाग को दें। न कि खुद ही शराब विक्रेता के साथ मारपीट करें। आबकारी विभाग का नंबर सभी दुकानों के बाहर अंकित कराया गया है। अगर किसी भी विक्रेता के साथ मारपीट व अनावश्यक परेशान किया गया तो उसकी खैर नहीं होगी। उसके खिलाफ आबकारी विभाग खुद मुकदमा दर्ज कराएगा। अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ शराब विक्रेताओं की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है। आबकारी अधिकारी प्रतिदिन अपने निरीक्षण के दौरान शराब विक्रेताओं को नियमानुसार शराब बिक्री करने की हिदायत देने के साथ उनकी पीड़ा को भी सुनते है और उसका निस्तारण करने का भी प्रयास करते रहते है।

बता दें कि आबकारी विभाग ने शराब माफिया को जड़ से खत्म करने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। जिसके तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है, इस कार्रवाई से अब माफिया भी डरे हुए है। क्योंकि आबकारी विभाग ने छोटे तस्कर से लेकर बड़े माफिया के कारोबार को ध्वस्त करते हुए सलाखों की पीछे भेजने की मुहिम चलाई हुई है। जहां शिकायत या सूचना मिलती है टीम बिना देरी किए मौके पर पहुंच जाती है। अभी तक जिले में शराब माफिया के मुखबिर तंत्र मजबूत हुआ करता था। मगर जिले में अब आबकारी विभाग के मुखबिर तंत्र मजबूत होते नजर आ रहे है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में शराब माफिया के जितने सिंडिकेट थे। उन सभी को आबकारी विभाग निपटा चुका है। ऐसे में अब आबकारी विभाग शराब माफिया पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए मुस्तैदी के साथ तैयारी में जुट गया है।

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