मूल रूप से बिहार के रहने वाले विनोद कुमार का बेटा गौतम दिल्ली के द्वारका स्थित आईपी यूनिवर्सिटी में पढ़ता था. वह एमबीए फर्स्ट ईयर का छात्र था. परिवार काफी खुश था. लेकिन रविवार को अचानक कुछ ऐसा हुआ कि परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं. विनोद ने बताया, मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी. घर पर दवा लेकर आराम कर रहा था, शाम का वक्त था. तभी फैमिली ग्रुप के व्हाट्सएप पर गौतम में एक मैसेज डाला. लिखा, मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना, मैं बेकसूर हूं. मुझे गलत फंसाया गया है. वॉर्डन परेशान कर रहा है. इसलिए मैं सुसाइड कर रहा हूं.
हमारा सबकुछ छिन गया
विनोद ने कहा, जैसे हम लोगों ने ये मैसेज देखा, हमारे होश उड़ गए. कई बार बेटे को फोन किया, लेकिन फोन नहीं उठा. हम दिल्ली में ज्यादा लोगों को जानते भी नहीं थे. हमारे एक रिश्तेदार नोएडा में रहते हैं. उन्हें फोन किया. जब हम सब लोग हॉस्टल पहुंचे तो पता चला कि बेटे ने सुसाइड कर लिया है. यह जानकर हम पागल हो गए. हमारा सबकुछ छिन गया. इतनी देर बाद तक न तो पुलिस ने हमें कुछ बताया और न ही कॉलेज ने कोई जानकारी दी. ठीक ऐसा ही आरजी कर मामले में हुआ था. वहां भी छात्रा के परिवार को हत्या के कई घंटों बाद जानकारी दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सवाल उठाए थे और पश्चिम बंगाल पुलिस को फटकार लगाई थी.
आखिर हुआ क्या था?
विनोद ने बताया कि रविवार शाम करीब 6.20 बजे द्वारका नॉर्थ थाने को सूचना मिली कि हॉस्टल की सातवीं मंजिल से एक छात्र ने छलांग लगा दी है. पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया, लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं दी. बाद में गौतम के दोस्तों से पता चला कि 13-14 सितंबर की रात स्टूडेंट्स ने हॉस्टल के कमरे में शराब पी थी. इसके बाद वॉर्डन ने छात्रों के निष्कासन का आदेश जारी कर दिया. उन्हें रविवार दोपहर तक कमरा खाली करने को कहा था. गौतम इस बात से इतना परेशान था कि उसने खुदकुशी कर ली. परिवार का दर्द है कि पुलिस ने हमें क्यों समय से पहले नहीं बताया.
Tags: Delhi Crime News, Delhi latest news, Delhi police
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