शहर में इतने हेक्टेयर में हो रही यह फसलें
मुरादाबाद जिले में गन्ने की फसल 72 हजार हेक्टेयर, धान की फसल 97,145 हेक्टेयर व उड़द की फसल की फसल 6,328 हेक्टेयर में होती है. बुधवार की शाम से हवा के साथ लगातार बारिश हो रही है. खेतों में पानी भरने और हवा के चलते से गन्ना व धान की फसल खेतों में बिछ गई है. साथ ही अन्य फसलों में बारिश का पानी भर गया है. कृषि वैज्ञानिक डा. रविंद्र कुमार ने बताया कि धान की अगेती फसल में बाली निकल आई है. इस फसल के खेत में गिरने और पानी भरने से दाना काला पड़ सकता है. ज्यादा समय लगातार पानी भरा रहा है. तो दाने की वृद्धि प्रभावित हो सकती है. बाली में पड़ने वाला दाना कच्चा होता है यानी दूध गन्ना गिरने से किसानों को नुकसान नहीं, कृषि विशेषज्ञ की सलाह-खेत में जमा न होने दें पानी. इससे दाने के सूखने का खतरा है. वहीं उड़द की फसल में लगातार पानी भरा रहने से पौधी पीला पड़ जाएगा और बाद में सूख जाएगा. खेत में पानी भरा रहने से उड़द की फसल में सबसे अधिक नुकसान की आशंका है.
गन्ने की फसल में नहीं होगा नुकसान
वहीं गन्ने की फसल के गिरने से कोई नुकसान नहीं होगा. मालीपुर के किसान चमन वीर सिंह ने बताया कि धान की फसल में अच्छी लागत लगाई थी. अच्छी पैदावार की उम्मीद थी. पर बारिश से खेत में फसल गिर गई है. अगर दाना काला पड़ गया. तो दाम भी कम मिलेंगे.बारिश से नुकसान हुआ है.
उड़द की फसल में भी कम है नुकसान
मालीपुर के किस मुखिया चौधरी ने बताया कि उड़द की फसल में पानी भरा हुआ है. पौधा तैयार है. फसल आने का समय है. अभी तक नुकसान कम है और बारिश हुई, तो उड़द की फसल बर्बाद हो जाएगी.
खेत में पानी भरा रहा तो होगा नुकसान
बारिश से अभी तक फसलों को खास नुकसान नहीं हुआ है. आगे अभी और बारिश की संभावना है. ऐसे में खेत में गिरी धान, उड़द व सब्जी की फसलों में नुकसान होने का अंदेशा है. इसी तरह से बारिश होती रही और खेत में पानी भरा रहा, तो किसानों की उड़द की और धन की फसल को ज्यादा नुकसान होगा. क्योंकि पानी भरा रहने से फसल गल जाती है.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 12:58 IST
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