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नई दिल्‍ली. टेस्‍ट क्रिकेट के 147 वर्षों के इतिहास में अब तक कई प्‍लेयर अपने खेल कौशल से फैंस के दिलों पर राज कर चुके हैं. इनमें से कई ने बैटिंग में रनों और शतकों का अंबार लगाया तो अन्‍य बॉलिंग में विपक्षी बैटरों के लिए ‘काल’ बने. इन दिग्‍गज प्‍लेयर्स में सर डॉन ब्रेडमैन, वॉली हेमंड, डेनिस लिली, ग्रेग चैपल, रोडनी मार्श, कर्टली एम्‍ब्रोस और जोएल गार्नर शामिल हैं लेकिन भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को अपनी सरजमीं पर इन्‍हें खेलते हुए देखने का मौका नहीं मिल पाया. अलग-अलग कारणों ये कभी भारतीय मैदान पर नहीं खेले.

मजे की बात यह है कि इन प्‍लेयर्स में से तीन -ग्रेग चैपल, लिली और मार्श ने तो पाकिस्‍तान के खिलाफ जनवरी 1984 के सिडनी टेस्‍ट के बाद एक साथ संन्‍यास लिया था.

एक नजर उन प्लेयर्स पर जो कभी भारत में टेस्‍ट नहीं खेल सके.

सर डॉन ब्रेडमैन : ऑस्‍ट्रेलिया के डोनाल्‍ड ब्रेडमैन (Don Bradman) को निर्विवाद रूप से क्रिकेट के महानतम बैटर माना जाता है. 52 टेस्‍ट में 99.94 के औसत से 6996 रन (29 शतक) ‘क्रिकेट के डॉन’ के नाम दर्ज हैं. उन्‍होंने दो तिहरे और 10 दोहरे शतक बनाए. करियर के आखिरी टेस्‍ट में ब्रेडमैन अगर 4 रन बना लेते तो टेस्‍ट क्रिकेट में 100 का औसत हासिल कर लेते लेकिन दुर्भाग्‍यवश यह नहीं हो सका. अगस्‍त 1948 के ओवल टेस्‍ट की एकमात्र पारी में वे बिना कोई रन बनाए आउट हो गए और उनका औसत ’99’ के फेर में उलझकर रह गया. ब्रेडमैन ने भारत के खिलाफ 5 टेस्‍ट में 178.75 के औसत से 715 रन (4 शतक)बनाए. ये सभी टेस्‍ट ऑस्‍ट्रेलिया में हुए थे.

भारतीय मैदानों पर उन्‍होंने कोई टेस्‍ट नहीं खेला. यह भी कहा जाता है कि ब्रेडमैन, भारत को गरीब देश मानते थे और यहां आने से परहेज करते थे. उन्‍होंने केवल एक बार, बेहद कम समय के लिए भारत की जमीन पर कदम रखा. जानकारी के अनुसार, डेली मेल के लिए एशेज को कवर करने के लिए 1953 में इंग्‍लैंड जाते समय ब्रेडमैन के प्‍लेन को फ्यूल के लिए कलकत्‍ता (अब कोलकाता) एयरपोर्ट पर उतरना पड़ा था.  इस दौरान कुछ देर के लिए वे एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में रुके थे.’सिटी ऑफ जॉय’ के खेलप्रेमी लोगों को जैसे ही ब्रेडमैन के शहर में होने की खबर मिली वे झलक पाने के लिए एयरपोर्ट की ओर उमड़ पड़े. लोगों की भीड़ को देखकर डॉन गुस्‍से में आ गए थे और उन्‍होंने इसे अपनी सुरक्षा के लिहाज से खतरा माना था.

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वॉली हेमंड : इंग्‍लैंड के महान बैटरों में से एक वॉली हेमंड (Wally Hammond) ने 1927 से 1947 के दौरान 85 टेस्‍ट खेले और 58.45 के औसत से 7249 रन बनाए. हेमंड ने एक तिहरा और छह दोहरे शतक लगाए और नाबाद 336 रन उनका सर्वोच्‍च स्‍कोर रहा. दाएं हाथ के बैटर और मध्‍यम गति के गेंदबाज हेमंड ने टेस्‍ट में 83 विकेट भी हासिल किए. हेमंड कभी भारत में टेस्‍ट नहीं खेल सके. इंग्‍लैंड में भारत के खिलाफ 6 टेस्‍ट में उन्‍होंने 79.28 केऔसत से 555 रन बनाए जिसमें 217 का सर्वोच्‍च स्‍कोर शामिल रहा.

डेनिस लिली : टेस्‍ट क्रिकेट में एक समय सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड ऑस्‍ट्रेलिया के डेनिस लिली (Dennis Lillee) के नाम ही था. 1971 से 1984 तक उनकी तेज गेंदबाजी, विपक्षी बैटरों के लिए खौफ का पर्याय हुआ करती थी.अपनी बदमिजाजी के लिए भी वे बदनाम रहे. क्रिकेट के कंप्‍लीट फास्‍ट बॉलर माने गए लिली ने 70 टेस्‍ट में 23.92 के औसत से 355 विकेट लिए जिसमें 7 बार पारी में 10 या अधिक विकेट शामिल रहे. उन्‍होंने भारत के खिलाफ ऑस्‍ट्रेलिया में ही तीन टेस्‍ट खेले और 21.52 के औसत से 21 विकेट हासिल किए. वे भारतीय मैदान पर कोई टेस्‍ट नहीं खेले.

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ग्रेग चैपल : क्रिकेट जगत में चैपल भाइयों की तिकड़ी- इयान, ग्रेग और ट्रेवर ने कई सालों तक छाई रही. इन भाइयों में दूसरे नंबर के ग्रेग ने ऑस्‍ट्रेलिया के लिए 87 टेस्‍ट खेले और 53.86 के औसत से 7110 रन बनाए जिसमें 24 शतक रहे. टेस्‍ट में 47 विकेट भी उन्‍होंने लिए. ग्रेग (Greg Chappell) ने कई रिकॉर्ड बनाए जिसमें डेब्‍यू और आखिरी टेस्‍ट में शतक बनाना और टेस्‍ट की दोनों पारियों में शतक लगाना शामिल रहा. दाएं हाथ के बैटर ग्रेग ने भारत के खिलाफ 3 टेस्‍ट में 73.60 के औसत से 368 रन बनाए जिसमें एक शतक शामिल था. ये सभी मैच ऑस्‍ट्रेलिया में ही हुए थे, भारत में कभी भी ग्रेग ने टेस्‍ट नहीं खेला. ग्रेग बाद में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी बने. उन्‍हें आज भी भारतीय क्रिकेट का सबसे विवादित कोच माना जाता है. कोच रहते हुए ग्रेग के गांगुली और तेंदुलकर जैसे टॉप क्रिकेटरों के साथ रिश्‍ते तल्‍ख रहे.

रोडनी मॉर्श : ऑस्‍ट्रेलिया के रोडनी मॉर्श (Rodney Marsh) को विश्‍व क्रिकेट के बेहतरीन विकेटकीपर्स में शुमार किया जाता है. ऑस्‍ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली और जैफ थॉमसन की कामयाबी में मॉर्श का अहम योगदान रहा. इन दोनों की गेंदों पर मॉर्श ने विकेट के पीछे कई लाजवाब कैच पकड़े. उन्‍होंने 96 टेस्‍ट में तीन शतक की मदद से 3633 रन बनाने के अलावा विकेटकीपर के तौर पर 343 कैच लपके और 12 स्‍टंपिंग कीं. मॉर्श ने ऑस्‍ट्रेलियाई मैदान पर भारत के खिलाफ तीन टेस्‍ट में 16 शिकार (15 कैच,एक स्‍टंपिंग) किए लेकिन वे कभी भारत के मैदान पर नहीं खेले.

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कर्टली एम्‍ब्रोस : वेस्‍टइंडीज टीम के फास्‍ट बॉलर्स का विश्‍व क्रिकेट में खासा दबदबा रहा है. लंबे कद के कर्टली एम्‍ब्रोस (Curtly Ambrose) को इसी परंपरा का धाकड़ बॉलर माना जा सकता है. अपनी लाइन-लेंग्‍थ और उछाल से विपक्षी बैटरों के लिए सिरदर्द रहे एम्‍ब्रोस ने 98 टेस्‍ट में 20.99 के औसत से 405 और 176 वनडे में 24.12 के औसत से 225 विकेट लिए. एम्‍ब्रोस उस दौर (1988-2000) में क्रिकेट खेले जब कैरेबियन क्रिकेट का रुतबा ढलान पर था. भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को कभी भी अपने मैदान पर एम्‍ब्रोस को बॉलिंग का जलवा दिखाते हुए दीदार करने का मौका नहीं मिला. उन्‍होंने भारत के खिलाफ 9 टेस्‍ट खेलकर 15 विकेट लिए, ये सभी मैच कैरेबियन द्वीप के रहे.

जोएल गार्नर : अपने 6 फीट 8 इंच के कद के कारण ‘बिग बर्ड’ के नाम से लोकप्रिय गॉर्नर (Joel Garner) जब हाईआर्म एक्‍शन से बॉलिंग करते थे तो बैटर को ऐसा लगता था जैसे बॉल किसी इमारत की पहली मंजिल से फेंकी जा रही है. अपनी गति और उछाल के कारण गार्नर को बेहद खतरनाक साबित होते थे. एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग और मैल्‍कम मार्शल के साथ तेज गेंदबाजों की घातक चौकड़ी बनाने वाले ‘बिग बर्ड’ ने 58 टेस्‍ट में 20.97 के औसत से 259 विकेट लिए जबकि 98 वनडे में 18.84 के औसत से 146 विकेट. गार्नर भारत के खिलाफ चार टेस्‍ट खेले, यह सभी कैरेबियन द्वीप में खेले गए. भारत में उन्‍होंने कोई टेस्‍ट नहीं खेला.

Tags: Don bradman, Greg Chappell, Joel Garner, Sir Don Bradman, Test cricket

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