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  • माफियाओं के खिलाफ चलता है बुलडोजर, मत्स्य पालन से मिल रहा लोगों को रोजगार
  • कैंप लगाकर, पंपलेट बांटकर, होर्डिंग, बैनर से योजनाओं का किया जाए प्रचार-प्रसार

गाजियाबाद। प्रदेश के मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर चलता है। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा मछुआरों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे मत्स्य पालने वाले लोगों को रोजगार मिल रहा है। शुक्रवार को मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बातें कहीं। इस दौरान मंत्री डॉ.संजय कुमार निषाद के कलेक्ट्रेट में पहुंचने पर जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने उन्हें बुकें भेंट कर उनका स्वागत किया। वहीं, मंत्री को पुलिसकर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर किया।

इसके बाद मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह, एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह, डीसीपी सिटी राजेश कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी, भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल, निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष सुभाष कश्यप, उप निदेशक मत्स्य मेरठ मंडल, अग्रणी बैंक प्रबंधक बुद्वराम, जिला परियोजना अधिकारी नेडा,सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग, अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग, जिला विकास अधिकारी प्रज्ञा श्रीवास्तव, जिला सूचना अधिकारी योगेंद्र प्रताप सिंह, सहायक निदेशक मत्स्य रिचा आदि के साथ बैठक की। मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि पात्र मत्स्य पालकों को योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। जिससे उनकी आय व रोजगार में वृद्धि हो सकें। अंतिम पायदान पर खड़े पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि जमीनों को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई जारी है।

हापुड़ और नोएडा के बीच सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए 2020 से कार्रवाई जारी है। मछली पालन के साथ जलाशय में पौधे लगाने की भी योजना चल रही है। इससे रोजगार बढ़ने के साथ आय भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि केद्र सरकार ने मत्स्य विभाग के लिए साढ़े 6 साल में 41.50 हजार करोड़ रुपए आधुनिकता के लिए दिए है। जबकि कांग्रेस की सरकार में 67 साल में सिर्फ 3000 मछुआरों को पूरे देश में दिए गए। पोखरों का सौंदर्यीकरण व बाहर से प्रदेश में मछली लाने के साथ मछुआरों को टें्रड भी किया जा रहा हैं। इसके साथ ही मछुआ कल्याण कोष से नदियों के 5 किलोमीटर दायरे में विकसित करने के लिए समिति बनाई गई है।

बैठक में उन्होंने वित्तीय वर्ष-2023-24 के सापेक्ष इस वर्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की 13 सितंबर तक प्रगति, निषाद राज बोट योजना,मत्स्य पालक कल्याण कोष,मछुआ दुर्घटना बीमा,सघन मत्स्य पालन के लिए एरेशन सिस्टम की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड, सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना, मत्स्य बीज वितरण की प्रगति, ग्राम सभा के तालाबों का 10 वर्षीय पट्टा व विभागीय जलाशय आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप अंतिम पायदान पर खड़े पात्र लाभार्थी को भी योजना का लाभ पहुंचाना है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती हैं, इसके लिए योजनाओं का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएं। अस्पतालों, झुग्गियों,मछली बाजार के क्षेत्रों सहित अन्य जगह पर कैंप लगाकर, पंपलेट बांटकर, होर्डिंग, बैनर से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएं।

मछुआरों से जुड़ी समितियां, जन सेवकों, जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ताओं सहित अन्य के माध्यम से हर व्यक्ति तक योजनाओं की जानकारी पहुंचे इसके लिए सहयोग लीजिए। उन्होंने कहा कि निषाद राज बोट योजना, मत्स्य पालक कल्याण कोष, मछुआ दुर्घटना बीमा सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक प्रचार किया जाएं। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की उपयोजनाओं यथा बायॉफ्लोक पांड निर्माण व निवेश, मोटरसाइकिल आइस बाक्स, कियोस्क निर्माण, आरएएस निर्माण व फीड मिल का अधिक से अधिक योजना का मत्स्य पालकों को लाभ दिलाया जाए। जिससे मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि हो सके व रोजगार का भी सृजन हो सके। उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं का जल्द से जल्द पूरा कराया जाए

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